पश्चिम बंगाल में कोलकाता के इकबालपुर थाना क्षेत्र स्थित मोमिनपुर के मयूरभंज इलाके में दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प के मामले की जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंप दिया गया है. एनआइए ने नयी दिल्ली में मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज कर आधिकारिक रूप से जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है . मामले की डीएसपी रैंक के अधिकारियों के नेतृत्व में जांच की जाएगी . बुधवार को प्राथमिकी के प्रति कोलकाता स्थित एनआइए की विशेष अदालत को सौंपी गई. बताया जा रहा है कि मोमिनपुर हिंसा को लेकर राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी. उक्त रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआइए को इस मामले की जांच का जिम्मा सौंप दिया. जांच के तहत नयी दिल्ली से एनआइए की एक विशेष टीम कोलकाता आने वाली है.
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मोमिनपुर के मयूरभंज इलाके में गत 8 अक्टूबर की रात इलाके में एक झंडा लगाने को लेकर कुछ लोगों के बीच विवाद हो गया. बाद में यह मामला काफी बढ़ गया. इलाके के कई घरों में तोड़-फोड़ की गयी. मामले को देखते हुए पुलिस बल मौके पर पहुंचा, लेकिन हालात नियंत्रित नहीं हुए. समय-समय पर हिंसक झड़पें होती रहीं, जो 9 अक्टूबर को भी जारी रहीं. बदमाशों ने कई घरों में तोड़-फोड़ की. सड़क किनारे खड़ीं बाइकों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, तो बदमाशों ने उस पर पथराव किया. इसमें पुलिस के तीन वरिष्ठ अधिकारी घायल हो गये.
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पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की धर-पकड़ शुरू की. पांच एफआइआर दर्ज हुई. अब तक 65 शरारती तत्वों की गिरफ्तारी हुई है. बता दें कि इस घटना के बाद से ही एनआइए प्राथमिक स्तर पर तथ्य जुटा रही थी और हर गतिविध पर नजर बनाये हुए थी. वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने मोमिनपुर हिंसा के खिलाफ विधानसभा से राजभवन तक मार्च भी निकाल मामले की एनआइए से जांच कराने की मांग की थी.
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रिपोर्ट : अमित शर्मा