कोलकाता : कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के खिलाफ चल रही जंग के बीच पश्चिम बंगाल (West Bengal) में लोगों में आपसी टकराव भी होने लगे हैं. बीरभूम जिला (Birbhum District) के पारुई (Parui) इलाके में एक गांव के अंदर स्कूल में क्वारेंटाइन सेंटर (Quarantine Centre) बनाने को लेकर स्थानीय तृणमूल (Trinamool Congress) नेता के समर्थक और ग्रामीण हिंसक संघर्ष पर उतारू हो गये. दोनों ओर से जमकर बम-गोलियां चलीं. इसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी. इसके बाद से पूरे गांव में तनाव व्याप्त है.
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हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शनिवार की शाम को शुरू हुआ यह विवाद देर रात तक जारी रहा. रविवार सुबह से ही पूरे क्षेत्र में पुलिस को तैनात कर दिया गया है. हालात तनावपूर्ण हैं. इसीलिए संभावित संघर्ष को टालने के लिए क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर दी गयी है. सारी दुकानें बंद हैं. इलाके से कई जिंदा बम बरामद हुए हैं.
दीवारों पर बम लगने और फटने के निशान हैं. जिला पुलिस ने कहा है कि अब तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं. पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है. पूरे मामले की जांच की जा रही है. हालांकि, इस सिलसिले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
बताया गया है कि गांव के अंदर पारुई हाई स्कूल हॉस्टल में क्वारेंटाइन सेंटर बनाया जा रहा था. स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि गांव में क्वारेंटाइन सेंटर नहीं बनना चाहिए. ग्रामीणों का यह विरोध स्थानीय तृणमूल नेता और उनके समर्थकों को रास नहीं आया.
वाद-विवाद से शुरू हुआ मामला मारपीट तक पहुंच गया और इसके बाद दोनों ओर से बमबाजी होने लगी. गोलियां भी चलायी गयीं. दोनों ओर से हुई हिंसक झड़प में कई लोग घायल हो गये हैं. पुलिस की ओर से घायलों का सटीक आंकड़ा नहीं दिया गया है.
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उल्लेखनीय है कि जानलेवा कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति हो या कोरोना का संदिग्ध मरीज, सभी को क्वारेंटाइन सेंटर में ही रखा जाता है. इसलिए देश के सभी राज्यों में सरकारें क्वारेंटाइन सेंटर की स्थापना कर रही हैं, ताकि ऐसे लोगों को समाज से अलग रखा जा सके और दूसर लोगों में इस जानलेवा बीमारी के विषाणु का प्रसार न हो.