पश्चिम बंगाल में जल्द ही पंचायत चुनाव की घोषणा होने वाली है जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियों की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है. वहीं दूसरी ओर बीते चार वर्षों से लंबित पड़ा हावड़ा नगर निगम का चुनाव जल्द कराने को लेकर डीएम कार्यालय में एक सर्वदलीय बैठक हुई. इसमें तृणमूल कांग्रेस के साथ विपक्षी भाजपा व वाममोर्चा के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. दो चरणों में हुई इस बैठक में विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने हाल में किये गये परिसीमन पर आपत्ति जतायी. वामफ्रंट के प्रतिनिधि सुमित्र अधिकारी ने कहा कि बीते वर्ष राज्य सरकार के आदेश पर हावड़ा नगर निगम से बाली नगरपालिका को अलग कर दिया गया.
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इसके बाद आनन-फानन में हावड़ा नगर निगम में वार्डों की संख्या बढ़ा दी गयी. 16 वार्ड बढ़ा दिये गये, पर जिस तरीके से परिसीमन किया गया है, वह असंवैधानिक है. बैठक में उन्होंने परिसीमन से संबंधित कई सवाल पूछे, पर संतोषजनक जवाब किसी ने नहीं दिया. परिसीमन किस आधार पर किया गया है, इसकी भी जानकारी बैठक में नहीं दी गयी. प्रशासन एक ही बात दोहरा रहा है कि म्युनिसिपल एक्ट के तहत सीमांकन किया गया है. श्री अधिकारी ने मतदाता-सूची पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि चुुनाव कराने के पहले मतदाता पहचान-पत्र को ठीक करना होगा, क्योंकि इस सूची में कई फर्जी वोटरों के नाम हैं. कुछ ऐसे भी हैं, जिनका देहांत हो चुका है.
भाजपा के प्रतिनिधि सुप्रिय चटर्जी ने कहा कि भाजपा चुनाव के विरुद्ध नहीं है. अविलंब निगम चुनाव हो, पर लोकतांत्रिक कायदे-कानून के दायरे में. श्री चटर्जी ने भी परिसीमन के तौर-तरीके पर सवाल उठाया. आरोप लगाया कि अपने हिसाब से परिसीमन किया गया है. उक्त बैठक में एसडीओ तरुण भट्टाचार्य व अन्य अधिकारीगण भी शामिल थे. एसडीओ ने कहा कि परिसीमन का काम लगभग पूरा हो चुका है. सरकारी निर्देश व नियमानुसार ही परिसीमन किया गया है. . उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2018 में ही हावड़ा नगर निगम के बोर्ड का कार्यकाल खत्म हो चुका है. इसके बाद से चुनाव टलते जा रहे हैं.
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