कोलकाता: दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल होकर पश्चिम बंगाल लौटे 200 से अधिक जमाती फिलहाल राजधानी कोलकाता के न्यू टाउन में ही रहेंगे. यहां के हज हाउस में क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है. राज्य सरकार की ओर से इसी आसपास इनके रहने और खाने-पीने की जायेगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में पुष्टि की है. अधिकारी के मुताबिक दुनिया भर के अलग-अलग देश जैसे इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड और म्यांमार के अलावा देश के अलग-अलग राज्य दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से भागकर तबलीगी जमात के लोग पश्चिम बंगाल में चले आये थे.
यहां आकर वो कोलकाता समेत राज्य भर की विभिन्न मस्जिदों में छिपे हुए थे. इन मस्जिदों में रह रहे 300 से अधिक ऐसे लोगों को चिन्हित कर पकड़ा गया है. इसके बाद उन्हें अलग-अलग क्वारंटाइन सेंटर लाकर रखा गया था. इनमें से कई लोगों के की कोरोना जांच भी कि गयी थी. स्वस्थ हो जाने के बाद कुछ लोगों को उनके गृह राज्य भेजने के लिए राज्य सरकार ने विशेष वाहनों की व्यवस्था की थी, लेकिन अभी भी 200 से अधिक ऐसे जमाती हैं जो न्यूटाउन हज हाउस के आसपास ही रहेंगे. इनके रहने खाने और चिकित्सा आदि की व्यवस्था की गयी है. फिलहाल उन्हें लौटाने के लिए वाहनों की व्यवस्था नहीं है. इनमें कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. विदेशी नागरिक हवाई सेवा बहाल होने के ही अपने देश लौट सकेंगे.
विदेशी नागरिकों की वापसी दूतावास के जरिये ही संभव हो सकेगी, लेकिन इनमें से अधिकतर पर्यटन वीजा पर भारत आये थे और भारत सरकार के वीजा नियमों का उल्लंघन कर तबलीगी मरकज के जमात में शामिल हुए. इसलिए इनके खिलाफ सख्ती भी बरती गयी है. इन्हें ब्लैक लिस्ट में किया गया है और प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है. इसलिए कूटनीतिक रास्तों से इनकी वापसी थोड़ी मुश्किल होगी. इसी वजह से 200 से अधिक जमातियों को फिलहाल कोलकाता में अस्थायी तौर पर ठहरने की व्यवस्था की जा रही है. बता दें कि पश्चिम बंगाल में अब तक कोरोना संक्रमण के 1,456 मामले सामने आये हैं. अब तक कोरोना से पश्चिम बंगाल में 144 लोगों की मौत हुई है. पिछले 24 घंटे में 4 लोगों की मौत हुई है.