कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से पहले बंगाल की अस्मिता और प्रदेश के महापुरुषों के नाम पर राजनीति तेज हो गयी है. इसी के मद्देनजर स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, ठाकुर रामकृष्ण परमहंस, अरविंद घोष को लेकर भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस एक-दूसरे पर हमलावर है.
नये वर्ष में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर विविध कार्यक्रम होंगे. सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां 23 जनवरी को नेताजी के 125वीं जयंती समारोह का शुभारंभ करने आ सकते हैं. श्री मोदी ने खुद ट्वीट कर कहा था कि नेताजी की बहादुरी जगजाहिर है.
उन्होंने लिखा था, ‘हम महान स्वतंत्रता सेनानी व आजाद हिंद फौज के संस्थापक व जननेता की 125वीं जयंती जल्द ही मनाने जा रहे हैं.’ केंद्र ने नेताजी के 125वीं जयंती समारोह की रूपरेखा बनाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की है.
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इसमें इतिहासकारों व बोस परिवार के सदस्यों के साथ आजाद हिंद फौज से जुड़े कुछ प्रमुख लोग शामिल हैं. नेताजी के 125वीं जयंती समारोह साल भर चलेंगे. कार्यक्रम कोलकाता, दिल्ली के साथ देश-विदेश के उन स्थानों पर होंगे, जहां नेताजी के निशान हैं.
आजकल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार बंगाल से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं. बंगाल के महत्वपूर्ण दिनों पर भी वह बांग्ला में ट्वीट कर बधाई देने लगे हैं. हाल में वर्चुअल समिट के दौरान श्री मोदी ने दक्षिणेश्वर मंदिर व कूचिबहार की राजबाड़ी को अपने बैकड्रॉप में रखा था.
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Posted By : Mithilesh Jha