पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेता बैकफुट पर हैं. अब टीएमसी सांसद सौगत राय (Saugata Roy) के बयान ने पार्टी की मुश्किलें और भी बढ़ा दी है. मिली जानकारी के अनुसार सौगत रॉय ने कहा, इस तरह का भ्रष्टाचार पूरे भारत में बहुत कम हुआ है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद लंबे समय से जेल में थे, लेकिन लालू के पास से भी इतने नोट नहीं मिले. इससे पहले सुखराम केंद्रीय मंत्री थे. उनके पास से दो-तीन-चार करोड़ बरामद किया गए थे. ऐसा कहीं नहीं देखा गया था. पार्थ कांड लालू और सुखराम कांड से भी बदतर है. हालांकि सौगत रॉय के बयान पर पार्टी का कोई भी नेता सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहना चाहता.
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तृणमूल के वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने न केवल लालू, सुखराम से तुलना की, बल्कि बरामद पैसे पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, 50 करोड़ रुपए! अगर मैंने पैसे की तस्वीर नहीं देखी होती तो मुझे विश्वास नहीं होता. मैंने तस्वीर देखी. पैसे का पहाड़ जो देखा गया है उसे देखकर हम लोगों को क्या जवाब देंगे? यह विडंबना, यह शर्म की बात है. सौगत ने कहा, हम तृणमूल के लोग हैं, हम तृणमूल के साथ रहेंगे, और अगर तृणमूल में हर किसी को चोर बताने की कोशिश होती है, तो हम विरोध करेंगे.
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गौरतलब है कि 22 जुलाई की रात ईडी ने पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट पर छापे मारी कर और भारी नकदी बरामद की थी. कुल मिलाकर बरामद धन की राशि 50 करोड़ रुपये से अधिक थी. इसके अलावा 5 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का सोना और विदेशी मुद्रा भी बरामद की गई थी. ईडी के दावे के मुताबिक 103 करोड़ की चल-अचल संपत्ति जब्त की गई है.बता दें कि सुखराम शर्मा, केंद्रीय दूरसंचार मंत्री थे. सन् 1996 में उन पर दूरसंचार क्षेत्र में भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के कई मामलों में आरोप लगाया गया था.