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इंदौर से 1300 यात्रियों को लेकर बंगाल रवाना हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेन, भाजपा ने सीएम ममता पर किया पलटवार

मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के इंदौर से पश्चिम बंगाल के लिए पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन मंगलवार को 1300 यात्रियों को लेकर रवाना हुई है. श्रमिक स्पेशल ट्रेन (Shramik special train) इंदौर से वर्द्धमान के लिए खुली है. श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बंगाल आ रहे प्रवासी श्रमिकों ने इंदौर के लोगों का आभार प्रकट किया.

कोलकाता/इंदौर : मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के इंदौर से पश्चिम बंगाल के लिए पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन मंगलवार को 1300 यात्रियों को लेकर रवाना हुई है. श्रमिक स्पेशल ट्रेन (Shramik special train) इंदौर से वर्द्धमान के लिए खुली है. इंदौर के साथ- साथ आसपास के जिलों में जो पश्चिम बंगाल के लोग फंसे थे, वह भी ट्रेन पकड़ने के लिए इंदौर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे थे. ट्रेन प्लेटफॉर्म संख्या 1 से खुली है. श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बंगाल आ रहे प्रवासी श्रमिकों ने इंदौर के लोगों का आभार प्रकट किया.

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बाद लॉकडाउन के दौरान देश के अन्य भागों की तरह मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के इंदौर में भी बड़ी संख्या में बंगाली प्रवासी श्रमिक (Migrant workers) फंसे हुए थे. इसके साथ ही कुछ ऐसे लोग भी थे, जो अपने रिश्तेदारों के यहां गये थे. वे वापस आना चाहते थे और पश्चिम बंगाल की सरकार से लोग लगातार अपील कर रहे थे कि इंदौर में फंसे लोगों के लिए घर लौटने की व्यवस्था की जाये.

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इस बाबत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) को पत्र भी लिखा था, मगर पश्चिम बंगाल की सरकार (West Bengal government) ने इनकी कोई मदद नहीं की.

भाजपा के महासचिव व बंगाल के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) की पहल पर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj government) ने इंदौर में फंसे लोगों को पश्चिम बंगाल भेजने के लिए तीन श्रमिक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की थी.

श्री विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाली मजदूरों को अपने घर लाने वाली ट्रेनों को भी कोरोना एक्सप्रेस नाम देकर उन्हें आने से रोका. यह बंगाल के लोगों का अपमान है. बंगाल के लोग चुनाव में यह कभी नहीं भूलेंगे.

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उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार ने 3 ट्रेन की व्यवस्था की थी, लेकिन अब चूंकि इंदौर के उद्योग-धंधे खुल गये हैं. अब श्रमिक बंगाल नहीं जाना चाहते हैं. अब इंदौर में ही रह कर काम करना चाहते हैं. दूसरी ओर, ट्रेन से घर जा रहे एक यात्री ने कहा कि इंदौर के लोगों ने जो प्यार दिया है, उसे कभी नहीं भूला पाऊंगा. इंदौर बहुत अच्छा शहर है. यहां के लोगों ने हमें बहुत प्यार किया है. शिवराज सरकार का मैं शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने परिवार के पास जाने के लिए व्यवस्था कर दी है.

श्रमिक स्पेशल ट्रेन से वापस पश्चिम बंगाल लौट रहे एक बुजुर्ग ने कहा कि मैं 16 मार्च को एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए इंदौर आया था. लॉकडाउन की वजह से यहीं फंस गया था. उसके बाद से इंदौर में ही रह रहा था. मैं श्री विजयवर्गीय व शिवराज सरकार को धन्यवाद कहना चाहता हूं, जिन्होंने घर जाने की व्यवस्था की है.

पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 1300 लोग इंदौर से पश्चिम बंगाल रवाना हुए हैं. ट्रेन में चढ़ने से पहले सभी लोगों की स्क्रीनिंग की गयी है. साथ ही रेलवे स्टेशन पर सोशल डिस्टैंसिंग का पालन भी करवाया गया है. रेलवे की तरफ से सभी यात्रियों के लिए मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था की गयी थी. फंसे हुए लोगों को स्टेशन तक आने के लिए सरकार ने बसों की भी व्यवस्था की थी.

Posted By : Samir ranjan.

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