कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने राज्य के तीन जिलों में पिछले दिनों हुए चार अलग-अलग दुष्कर्म कांडों की जांच के लिए विशेष कमेटी बनायी है. मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव व न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए दुष्कर्म के चार मामलों की जांच आइपीएस अधिकारी दमयंती सेन (Damayanti Sen) को सौंप दी.
राज्य के अलग-अलग हिस्से में हुई दुष्कर्म की घटनाएं
खंडपीठ ने मंगलवार को कहा कि उत्तर 24 परगना के देगंगा व मटिया, मालदा के इंग्लिशबाजार व महानगर कोलकाता के बांसद्रोणी में हुए दुष्कर्म की घटनाओं की जांच दमयंती सेन के नेतृत्व में बनी कमेटी करेगी. यह कमेटी 20 अप्रैल तक अपनी प्राथमिक जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करेगी.
जांच अधिकारी से कोर्ट ने कही ये बात
उन्होंने जांच अधिकारी से कहा कि यदि उन्हें कोई परेशानी होती है, तो वह अगली सुनवाई में न्यायालय के समक्ष इसे रख सकती हैं. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि राज्य में एक के बाद एक दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं. राज्य में कानून-व्यवस्था का बुनियादी ढांचा नहीं है.
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महाधिवक्ता ने दी ये दलील
राज्य के महाधिवक्ता सोमेंद्रनाथ मुखर्जी ने अदालत को बताया कि मटिया दुष्कर्म के मामले में चार अप्रैल को न्यायालय में रिपोर्ट दी गयी है. बांसद्रोणी दुष्कर्म कांड में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें एक नाबालिग है. उसे चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिस में रखा गया है और जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया जायेगा.
राज्य सरकार हर मामले की कर रही है जांच
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर मामले की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि राज्य में एक के बाद एक ऐसी घटनाएं हो रही हैं. ऐसा लगता है, जैसे राज्य में कानूनी बुनियादी ढांचा ही नहीं बचा है. वहीं, याची की अधिवक्ता सुष्मिता साहा दत्त ने कहा कि सिर्फ चार मामले ही नहीं, बल्कि भांगड़, बोलपुर, नामखाना, रायगंज व हांसखाली में भी ऐसी ही दिल दहलानेवाली घटनाएं हुई हैं.
राज्य की विधि व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
इस पर न्यायाधीश ने कहा कि पहले दूसरे राज्यों से ऐसी खबरें आती थीं और बंगाल महिलाओं के लिए सुरक्षित राज्य माना जाता था, पर पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाओं ने राज्य की विधि -व्यवस्था पर सवाल उठा दिये हैं.
कौन हैं दमयंती सेन
मालूम रहे कि दमयंती सेन बंगाल की चर्चित आइपीएस अधिकारी हैं. वर्ष 2012 में महानगर के पार्क स्ट्रीट में एक एंग्लो इंडियन महिला से दुष्कर्म हुआ था. तब इस घटना को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फर्जी बताया था, पर दमयंती सेन ने उच्चाधिकारियों की बात माने बिना सख्ती से जांच की थी और मामले में दुष्कर्मी को कड़ी सजा भी हुई.
इसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें कोलकाता पुलिस से हटाकर राज्य पुलिस में भेज दिया था. 1996 बैच की आइपीएस अधिकारी दमयंती की कोलकाता पुलिस में वापसी सात सालों बाद हुई थी और फिलहाल वह कोलकाता पुलिस की विशेष आयुक्त (II) हैं.
रिपोर्ट – अमर शक्ति प्रसाद