पश्चिम बंगाल में की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने केन्द्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मैं आप सबको बताना चाहती हूं कि गंगासागर को राष्ट्रीय मेला घोषित करने के लिए मैं चार से पांच बार इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिख चुकी हूं. कई केंद्रीय मंत्रियों से बात भी की. केंद्र सरकार कई मेलों को राष्ट्रीय मेला घोषित कर चुकी है. उन मेलों के आधारभूत विकास के लिए केंद्र पैसा भी देता है, लेकिन गंगासागर के लिए केंद्र सरकार एक रुपया भी नहीं देती.
ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में जब वाममोर्चा की सरकार थी, तब तीर्थयात्रियों से कर लिया जाता था. इसके खिलाफ मैंने आंदोलन किया, मुख्यमंत्री बनते ही मैंने इस कर को समाप्त कर दिया. मेले के दौरान नौ से 16 जनवरी तक गंगासागर जानेवाले तीर्थयात्रियों, पत्रकारों, गंगासागर में ड्यूटीरत सरकारी कर्मचारियों और आमलोगों के लिए पांच लाख की दुर्घटना बीमा भी शुरू की गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ मेले में जाने के लिए सड़क मार्ग ही है. लेकिन सागर द्वीप जाने के लिए चौड़ी नदी और समुद्र के मिलन स्थल को नाव से पार करना पड़ता है. लाखों तीर्थयात्रियों को सुरक्षित पार करना आसान काम नहीं है.
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मुख्यमंत्री ने कहा देश के विभिन्न प्रांतों से आये तीर्थयात्रियों का स्वागत करती हूं. मेला हर धर्म के लिए होता है. दुर्गापूजा के दौरान भी देश और विदेश से भी लोग आते हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि गंगासागर मेला शुरू होने से पहले उन्होंने कई विभागों के अधिकारियों के साथ कई बार बैठक की. सात जनवरी को खुद गंगासागर पहुंचीं और कपिल मुनि के मंदिर में दर्शन करने के बाद सागर मेले की तैयारियों का जायजा लिया. रात 12 बजे औचक दौरा किया.
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