पश्चिम बंगाल के कोलकाता को उत्तर 24 परगना जिले से जोड़ने वाला नवनिर्मित टाला ब्रिज गुरुवार से आम जनता के लिए खोल दिया जायेगा. कोलकाता में रहने वाले लोगों का इंतजार अब खत्म हो गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) आज शाम में नये टाला ब्रिज का उद्घाटन करेंगी. सूत्रों ने बताया कि टाला ब्रिज पर शुरुआत में केवल हल्के वाहन चलाये जायेंगे. स्थिति का आकलन करने के बाद और रिपोर्ट संतोषजनक पाये जाने पर ही भारी वाहन चलाने का निर्णय लिया जायेगा. दो वर्षों में 468 करोड़ रुपये की लागत से 750 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया गया है. माझेरहाट पुल के ढह जाने के बाद खतरे से बचने के लिए पुराने टाला पुल को तोड़कर नया ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पहले ब्रिज के बीच में गैप हुआ करता था. वहां से सीढ़ियां थीं, जिससे नीचे उतर कर आम लोग आरजी कर अस्पताल पहुंच जाते थे. इतना ही नहीं, इससे चितपुर स्टेशन जाने वाले यात्रियों को भी फायदा होता था. शिकायत यह है कि अभी सीढ़ियां होने के बावजूद नीचे जाने के लिए कोई ‘कट आउट’ या खाली जगह नहीं है, टाला ब्रिज के पुराने रूट को बिल्कुल बदल दिया गया है. नतीजतन जो लोग पाइकपाड़ा की तरफ से आना चाहेंगे, उन्हें लंबी दूरी पैदल ही तय करनी पड़ेगी, क्योंकि ब्रिज पर कोई बस स्टैंड नहीं बनेगा. गौरतलब है कि टाला ब्रिज की जर्जर हालत के कारण इसे यातायात के लिए बंद कर दिया गया था.
ब्रिज के खुलने की तारीख को लेकर काफी समय से अटकलें लगायी जा रही थीं. राज्य प्रशासन पूजा से पहले ब्रिज खोलना चाहता थी. इसके जीर्णोद्धार पर करीब 468 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, फिर भी इसके आस-पास रहने वाले घोषबागान, चितपुर, लॉकगेट रोड, चूड़ीपाड़ा, गंगाधार, केएनडी रोड जैसे इलाके के लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. इसे लेकर वे लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन इस मामले में स्थानीय पार्षद सुमन सिंह व बोरो एक के चेयरमैन तरुण साहा के अलावा विधायक अतीन घोष हर कोई पल्ला झाड़ रहा है. लिहाजा स्थानीय लोगों ने एलान किया है कि ब्रिज का जब उद्घाटन होगा, तो उस वक्त वे मुख्यमंत्री के सामने ही विरोध प्रदर्शन कर अपनी समस्या के समाधान करने की गुजारिश करेंगे.