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दुश्मन की रडार से बच निकलने में माहिर ‘हिमगिरी’ युद्धक पोत नौसेना का हुआ, जानें इसकी खासियत

Bengal news, Kolkata news, कोलकाता : भारतीय नौसेना की शक्ति बढ़ाने वाला पोत ‘हिमगिरि' सोमवार से नौसेना का हो गया. इस युद्धक पोत की खासियत है कि यह दुश्मन की रडार से बच निकलने में भी माहिर है. सोमवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत ने इस युद्धपोत को लॉन्च किया. इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय नौसेना की शक्ति और बढ़ाने वाला पोत ‘हिमगिरि' नौसेना की रक्षा तैयारियों को और मजबूती प्रदान करेगा. उन्होंने जीआरएसई के सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को समय से पहले परियोजना का काम पूरा करने के लिए बधाई दी.

Bengal news, Kolkata news, कोलकाता : भारतीय नौसेना की शक्ति बढ़ाने वाला पोत ‘हिमगिरि’ सोमवार से नौसेना का हो गया. इस युद्धक पोत की खासियत है कि यह दुश्मन की रडार से बच निकलने में भी माहिर है. सोमवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत ने इस युद्धपोत को लॉन्च किया. इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय नौसेना की शक्ति और बढ़ाने वाला पोत ‘हिमगिरि’ नौसेना की रक्षा तैयारियों को और मजबूती प्रदान करेगा. उन्होंने जीआरएसई के सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को समय से पहले परियोजना का काम पूरा करने के लिए बधाई दी.

बता दें कि बंगाल के गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (Gardenreach Shipbuilders & Engineers Limited- GRSE ) द्वारा प्रोजेक्ट 17ए के तहत निर्मित ‘हिमगिरि’ का जलावतरण (Launch) हुआ. इसे दुश्मन की रडार से बच निकलने महारत हासिल है.

गौरतलब है कि प्रोजेक्ट 17ए के तहत 3 पोत बनाने का जिम्मा जीआरएसई को सौंपा गया है. इसमें से पहले पोत का जलावतरण सोमवार को किया गया. सोमवार को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल की पत्नी मधुलिका रावत ने इस युद्धपोत को लॉन्च किया. इस मौके पर जीआरएसई के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल वीके सक्सेना, आईएन (रिटायर्ड) ने बताया कि परियोजना 17ए के तहत जीआरएसई विभिन्न खूबियों से लैस ऐसे 3 नौसेना पोत का निर्माण कर रही है.

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कोविड-19 के असर के बावजूद जीआरएसई ने पहले युद्धपोत को तय समय सीमा से 2 महीने पहले तैयार किया है. बताया गया है कि पहले पोत के जलावतरण के बाद यह विभिन्न परीक्षणों से गुजरेगा और इसमें अत्याधुनिक उपकरण लगाये जायेंगे, जिसके बाद इसे नौसेना को सौंपा जायेगा.

जानकारी के अनुसार, कंपनी को परियोजना 17ए के तहत 3 युद्धपोत निर्माण का ठेका मिला है, जिनकी कीमत 19,294 करोड़ रुपये है. पहला युद्धपोत वर्ष 2023 में, जबकि दूसरा और तीसरा क्रमश: वर्ष 2024 और वर्ष 2025 में नौसेना को मिलने की उम्मीद है.

श्री सक्सेना ने बताया कि नौ सेना के लिए जीआरएसई को 15 युद्धपोत बनाने का ऑर्डर मिला है, जिसका कुल ऑर्डर वैल्यू 26,189 करोड़ रुपये है. इस मौके पर ईस्टर्न नवल कमांड के कमांडर-इन-चीफ वायस एडमिरल एके जैन, ईस्टर्न कमांड के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान सहित जीआरएसई के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

Posted By : Samir Ranjan.

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