कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों के बारे में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक ने विवादित बयान दिया है. देश की सीमा के भीतर बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाये जाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया गया.
विधानसभा के अध्यक्ष विमान बनर्जी ने इस पर बहस के लिए डेढ़ घंटे का समय दिया था. बहस के दौरान तृणमूल विधायक उदयन गुहा ने बीएसएफ पर गंभीर आरोप लगाये. टीएमसी विधायक ने सदन में कहा कि जब महिलाएं सीमा पार करके इधर आ जाती हैं, तो बीएसएफ के जवान तलाशी लेने के बहाने उन्हें गलत तरीके से छूते हैं.
उदयन गुहा यहीं नहीं रुके. उन्होंने बीएसएफ के जवानों की देशभक्ति पर भी सवाल खड़े कर दिये. श्री गुहा ने कहा कि वे चाहे जितनी बार भारत माता की जय के नारे लगा लें, वे देशभक्त नहीं हो सकते. उदयन गुहा के इस बयान पर मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस पर सदन में हंगामा कर दिया.
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उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने सीमा के भीतर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र बढ़ा दिये थे. इसके बाद बीएसएफ को देश की सीमा में 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर तक के दायरे में कार्रवाई का अधिकार मिल गया था. पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने केंद्र के इस फैसलेका विरोध किया.
BSF is a professional force that has always performed the mandated duties by adhering to the rules & regulations. BSF Mahila Praharis are the ones who do frisking of females. The allegations of inappropriately touching women by BSF personnel are utterly baseless: BSF officer
— ANI (@ANI) November 16, 2021
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सबसे मुखर रूप से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध किया. उन्होंने इसे राज्य के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण बताया. तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इसे केंद्र का एकतरफा और मनमाना फैसला कहा था. ममता बनर्जी ने यह भी कहा था कि अगर केंद्र ने इस फैसले को वापस नहीं लिया, तो उनकी सरकार विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पास करेगी.
ममता बनर्जी की सरकार ने विधानसभा में इस प्रस्ताव को मंगलवार को हंगामे के बीच पास कर दिया. तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे को संसद में भी उठाने का निर्णय लिया है. संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है. टीएमसी सांसद सौगत राय ने पिछले दिनों कहा था कि उनकी पार्टी संसद में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि का विरोध करेगी.
सत्ताधारी दल के विधायक के इस बयान को बीएसएफ ने गलत बताया है. सीमा सुरक्षा बल क ओर से कहा गया है कि बीएसएफ एक प्रोफेशनल फोर्स है. नियमों के दायरे में रहकर वह अपनी ड्यूटी करती है. महिलाओं की जांच के लिए बीएसएफ महिला प्रहरी को तैनात किया जाता है. वही महिलाओं की तलाशी लेती हैं. बीएसएफ के जवानों द्वारा महिलाओं को गलत तरीके से छूने के जो आरोप लगाये गये हैं, वह पूरी तरह से गलत हैं.
Posted By: Mithilesh Jha