पश्चिम बंगाल में तृणमूल प्रवक्ता साकेत गोखले की गिरफ्तारी को लेकर इन दिनों राजनीतिक हलचल काफी तेज हो गई है. वहीं गुजरात पुलिस ने चुनाव के दौरान टीएमसी के प्रवक्ता साकेत गोखले को क्यों गिरफ्तार किया? इसे लेकर तृणमूल संसदीय दल ने आयोग का दरवाजा खटखटाया. तृणमूल के छह सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त के कार्यालय पहुंचे. प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि बिना विचार किये साकेत गोखले को गिरफ्तार किया गया, जबकि अभिनेता परेश रावल और असम के सीएम बिस्वा शर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
AITC delegation filed a complaint against the alleged violation of the Representation of People's Act in connection with the arrest of National Spokesperson @SaketGokhale.
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) December 12, 2022
We STRONGLY CONDEMN the harassment meted out to him.
Hear from MP Saugata Roy👇 pic.twitter.com/2rDT0tG2Gi
मुख्य चुनाव आयुक्त के कार्यालय से निकलने के बाद सौगत राय ने बताया कि हमने साकेत गोखले की गिरफ्तारी के खिलाफ में एक ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि साकेत हृदय रोग का मरीज है. इन सब पर विचार किए बिना उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उस समय राज्य की कानून व्यवस्था चुनाव आयोग के हाथ में थी. एक बार अहमदाबाद में और दूसरी बार मोरबी में गिरफ्तार किया गया. और यह स्पष्ट हो गया है कि उसे बदले के उद्देश्य से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन आयोग के अधीन पुलिस ऐसा कैसे कर सकती है? ऐसे में आयोग को इसके खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है.
AITC delegation comprising MPs Mr @derekobrienmp, Shri @Sukhendusekhar, Shri @KBanerjee_AITC, Shri @SaugataRoyMP, Smt @MausamNoor is at the ECI office to register a complaint against the alleged violation of the Representation of People's Act pertaining to @SaketGokhale's arrest. pic.twitter.com/xSzFKyHtqL
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) December 12, 2022
साकेत गोखले का कहना है कि किसी और द्वारा किए गए ट्वीट को साझा करने के लिए मेरे खिलाफ तुच्छ मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने कहा कि मजे की बात यह है कि पुलिस के पास कोई सुराग नहीं है कि वह व्यक्ति कौन है. गोखले ने फिर से मोरबी पुल के ढहने का मुद्दा उठाया और कहा कि खराब पुल बनाने वाली ओरेवा कंपनी के मालिकों को एफआईआर में नामजद तक नहीं किया गया है, गिरफ्तार करना तो दूर की बात है. उद्देश्य मुझे निशाना बनाने का तरीका खोजना था, मुझे जेल में डाल देना था और मुझे वहां रखना था.
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