कोलकाता : दिल्ली में ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार पर हमला बोला है. पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने केंद्र सरकार से पूछा है कि उसे इस संबंध में जानकारी क्यों नहीं थी.
दिल्ली में तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को ‘शांतिपूर्ण’ करार देते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बुधवार को इस बात पर हैरानी जतायी कि कैसे ‘प्रदर्शनकारियों का एक समूह’ लाल किले में घुस गया और क्यों केंद्र के पास राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा की आशंका को लेकर कोई खुफिया जानकारी नहीं थी.
तृणमूल ने लाल किले पर हुई घटना की स्वतंत्र जांच कराये जाने की भी मांग की. टीएमसी के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को बताया, ‘एक छोटा समूह लाल किला गया और सवाल यह है कि वो सुरक्षा घेरे को तोड़कर लाल किले में कैसे घुस गया. सरकार के पास पहले से सूचना क्यों नहीं थी? खुफिया इकाई क्या कर रही थी?’
तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की किसानों की मांग के समर्थन में मंगलवार को हुई ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली की सड़कों पर उस वक्त अफरा-तफरी मच गयी, जब हजारों किसानों ने पुलिस द्वारा लगाये गये बैरीकेड तोड़ डाले और पुलिसकर्मियों के साथ संघर्ष करने लगे. इस दौरान कई वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लहराया गया.
श्री त्रिवेदी ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन की तुलना टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के दिसंबर, 2006 के 25 दिनों तक चले उपवास से की जा सकती है. ममता ने तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार की कार के कारखाने के लिए सिंगूर में भूमि अधिग्रहण के फैसले के विरोध में अनशन किया था. उन्होंने कहा, ‘किसानों का आंदोलन काफी शांतिपूर्ण रहा है और ममता के सिंगूर में 25 दिनों तक किये गये उपवास से इसकी तुलना की जा सकती है.’
प्रदेश के मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि ‘लाल किले पर हुई घटना की स्वतंत्र जांच’ होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘किसान दो महीने से ठंड के मौसम में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और केंद्र ने उनकी मांगों को लेकर कोई सहानुभूति नहीं दिखायी.’
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उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 22 प्राथमिकी दर्ज की हैं. इस हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे. मुखर्जी ने प्रदेश के ‘दुआरे सरकार’ अभियान का मजाक उड़ाने के लिए भी विपक्षी भाजपा की आलोचना की और कहा कि इस पहल के तहत विभिन्न योजनाओं के लिए कुल 8,700 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं.
सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि पहले चार चरण में काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के बाद सरकार ने इस संपर्क कार्यक्रम को आठ फरवरी तक बढ़ाने का फैसला किया है. भगवा पार्टी ने कहा था कि टीएमसी सरकार की बहुचर्चित ‘दुआरे सरकार’ परियोजना का नाम बदलकर इसे ‘जोमेर दुआर सरकार’ (नरक के द्वार पर सरकार) कर देना चाहिए. सुब्रत मुखर्जी ने कहा, ‘विपक्ष (भाजपा) अभियान को ‘जोमेर दुआरे सरकार’ बता रहा है, लेकिन यह साफ हो जायेगा कि कौन असली ‘यमराज’ (नरक का राजा) है.’
Posted By : Mithilesh Jha