Bengal news, Kolkata news : कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में कोविड-19 चिकित्सा के लिए दूसरे राज्यों से आने वाले मरीजों का रजिस्टर अलग बनाया जाये, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनका मूल पता क्या है. इससे राज्य में कोविड-19 मरीजों की सही संख्या का पता चल सकेगा. मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि किसी भी मरीज को चिकित्सा के लिए इनकार करने की जरूरत नहीं है. केवल उनके रिकॉर्ड को सही तरीके से रखने की जरूरत है. दूसरे जिलों से आने वाले मरीजों के लिए भी रिकॉर्ड दुरुस्त करने के लिए कहा है. राज्य के 5 जिलों पूर्व एवं पश्चिम बर्दवान, बांकुड़ा, पुरुलिया तथा वीरभूम जिले के अधिकारियों के साथ वर्चुअल प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया.
प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ने खेतों में जमे पानी के संबंध में भी चिंता जतायी. उन्होंने जिलों के डीएम एवं बीडीओ को सिंचाई, पंचायत तथा ‘जल धरो, जल भरो’ विभाग के साथ समन्वय कर पानी को निकालने की व्यवस्था करने के लिए कहा. उन्होने कहा कि किसानों को पहले ही अम्फन आदि से काफी नुकसान झेलना पड़ा है. उन्हें और नुकसान न हो यह सुनिश्चित करना होगा. कृषक बंधु योजना में बाकी बचे 8 लाख किसान क्रेडिट कार्ड को भी जल्द दिये जाने के लिए उन्होंने कहा. आगामी 15 सितंबर के भीतर इसे पूरा करने के लिए उन्होंने निर्देश दिया है.
इधर, मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि अम्फन से पीड़ित उन लोगों को भी मुआवजा दे दिया जाये जिन्हें अभी तक नहीं मिला है. ऐसे करीब 3 फीसदी लोग बचे हैं. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि उन्हें 7 दिनों के भीतर मुआवजा दे दिया जाये. मनरेगा में काम करने वाले उन सभी लोगों का भुगतान करने के लिए भी कहा गया है जिन्हें अब तक पैसे नहीं मिले हैं. ऐसे 7 फीसदी लोग बचे हैं.
Also Read: ममता बनर्जी की केंद्र सरकार से अपील : कोरोना को देखते हुए JEE और NEET की परीक्षाएं स्थगित करें
मुख्यमंत्री ने राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक को बैठक में निर्देश दिया कि वह फैक्टरियों का औचक निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि काम करने वालों को वेतन मिल रहा है या नहीं. साथ ही फैक्टरियों में कोरोना से बचाव के लिए सामाजिक दूरी का पालन किया जा रहा है या नहीं.
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि 20 से 25 सितंबर, 2020 तक कोरोना स्थिर हो जायेगा. ऐसा विशेषज्ञों का मानना है. प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस थानों में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जतायी. उन्होंने निर्देश दिया कि पुलिस बैरकों में पुलिसकर्मियों की संख्या को कम रखा जाये. उनके रहने की व्यवस्था ऐसी की जाये, ताकि जमघट न हो.
मुख्यमंत्री ने बैठक में यह भी निर्देश दिया कि कोविड वरियर्स के लिए राज्य सरकार द्वारा बीमे की अवधि को नवंबर तक बढ़ा दिया जाये. बीमे के तहत कोविड वॉरियर्स की मौत की स्थिति में परिजनों को 10 लाख रुपये मिलते हैं. मुख्यमंत्री ने कोविड वॉरियर्स की मौत की स्थिति में उनके परिजन को नौकरी देने की भी घोषणा की है.
मौके पर राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा कि राज्य में मौत की तादाद कम हुई है. गत वर्ष जून में जितनी मौतें राज्य में हुईं थी, उसमें इस वर्ष जून में 35 फीसदी की कमी आयी है. हालांकि, राज्य में 8500 सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (सारी) के मरीज हैं, जिन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि स्कूलों के खुलने पर विद्यार्थियों को 3 करोड़ मास्क दिये जायेंगे. इन मास्क को राज्य सरकार तैयार करा रही है. उन्होंने कहा कि मास्क तैयार करा कर ही राज्य में रोजगार का सृजन किया गया है. वहीं, वरिष्ठ नागरिकों पर कोविड काल के दौरान नजर रखने के लिए कोलकाता और विधाननगर के अलावा चंदननगर, सिलीगुड़ी, बैरकपुर और आसनसोल- दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट को निर्देश दिया गया है कि वह आवासों या बहुमंजिली इमारतों की समीक्षा करके ऐसे नागरिकों की सूची बनायें.
Posted By : Samir Ranjan.