Happy Independence Day: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में दो साल बाद रेड रोड पर 75वां स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया गया. इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आदिवासी कलाकारों के साथ डांस किया. रेड रोड पर झंडा फहराने के बाद भव्य झांकियां निकाली गयीं. इस दौरान पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्से से आये कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी.
जंगलमहल से आये आदिवासी कलाकारों ने जब नृत्य प्रस्तुत किया, तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद को रोक नहीं पायीं. वह मंच से उठीं और सीधे आदिवासी कलाकारों के पास पहुंच गयीं. महिला कलाकारों का हाथ पकड़ा और उनके साथ डांस करने लगीं. उनके साथ स्टेप मिलाने लगीं.
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ममता बनर्जी को जंगलमहल के कलाकारों के साथ नृत्य करते देख उनके मंत्रिमंडल की और और सदस्य बीरबाहा हांसदा भी वहां पहुंच गयीं और डांस करने लगीं. बीरबाहा हांसदा जंगलमहल के झारग्राम से विधायक हैं. ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में हुए हालिया फेरबदल में उनका कद बड़ा किया गया है. बीरबाहा हांसदा ममता बनर्जी कैबिनेट में राज्यमंत्री थीं. अब उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया है.
इससे पहले स्कूली बच्चे परेड में शामिल हुए. इनके हाथों में स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें थीं. कोलकाता पुलिस के ट्रैफिक डिपार्टमेंट के जवान मोटरसाइकिल पर परेड में शामिल हुए. इस दौरान लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने वाला गीत बज रहा था.
सरकारी विभागों की ओर से झांकियां बनायी गयी थी, जिसे परेड में प्रदर्शित किया गया. पश्चिम बंगाल सरकार की तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं, जैसे- मुफ्त राशन, मुफ्त चिकित्सा, स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड, ऐक्यश्री, कन्याश्री, सबुज साथी आदि की झांकियां शामिल थीं. स्कूली बच्चों के साथ-साथ बंगाल के अलग-अलग हिस्सों से आये कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. रेड रोड पर छऊ नृत्य की भी प्रस्तुति दी गयी.
इससे पहले ममता बनर्जी ने भारत की आजादी के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारतीयों को देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की प्रतिष्ठा को बनाए रखना चाहिए. बनर्जी ने कहा कि भारतीयों को स्वतंत्रता हासिल करने वाले अपने पूर्वजों की पवित्र विरासत को भी संरक्षित रखना चाहिए.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज हम अपने पूर्वजों के सर्वोच्च बलिदान को याद करते हैं, जिसके कारण हमारा देश आजाद हुआ. हमें उनकी पवित्र विरासत को संरक्षित रखना चाहिए और अपने लोकतांत्रिक मूल्यों तथा लोगों के अधिकारों की प्रतिष्ठा को बरकरार रखना चाहिए.’