कोलकाता : पश्चिम बंगाल चुनाव 2021 से पहले प्रदेश की राजनीति हर दिन नयी करवट ले रही है. ममता बनर्जी के करीबी एक के बाद एक पार्टी से किनारा कर रहे हैं. अब तृणमूल कांग्रेस की सांसद और ममता की करीबी शताब्दी रॉय के भी पार्टी छोड़ने की खबरें आ रही हैं. शनिवार (16 जनवरी, 2021) को दिल्ली में वह भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्तमान में देश के गृह मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात हो सकती है.
दिल्ली रवाना होने से पहले फिल्म एक्ट्रेस से सांसद बनीं शताब्दी ने अमित शाह से मुलाकात के सवाल पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया, लेकिन उनका संकेत यही था कि भाजपा के वरिष्ठ नेता से मुलाकात हो सकती है. शताब्दी ने कहा, ‘दिल्ली जा रही हूं. किसी भी परिचित से मुलाकात हो ही सकती है. इसमें कोई बुराई नहीं है. कुछ अस्वाभाविक भी नहीं है.’
शताब्दी रॉय ने कहा है कि वह अपने क्षेत्र में जिस तरह से काम करना चाहती हैं, उसकी आजादी उन्हें नहीं मिल रही. वह यह भी तय नहीं कर पा रही हैं कि कब अपने संसदीय क्षेत्र में जायेंगी. शताब्दी रॉय ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को बताने का भी कोई फायदा नहीं होगा.’ उन्होंने कहा कि जिस जगह बैठकर वह कोई फैसला नहीं ले सकतीं, उस पद पर रहने का कोई मतलब नहीं रह जाता.
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बांग्ला फिल्मों की एक्ट्रेस, फिल्म डायरेक्टर और राजनेता शताब्दी रॉय के इस बयान पर तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने आश्चर्य व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि शताब्दी ने इस संबंध में पार्टी को कोई जानकारी दी है या नहीं. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ उन्होंने इस पर चर्चा की है या नहीं.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि शताब्दी रॉय बांग्ला फिल्मों की सबसे सफलतम अभिनेत्रियों में शुमार हैं. 80 और 90 के दशक में वह बांग्ला सिने प्रेमियों के दिलों पर राज करती थीं. कॉमर्शयल बांग्ला फिल्मों की वह अपने दौर की सबसे ग्लैमरस स्टार थीं. उन्होंने दो बार बीएफजेए अवार्ड हासिल किया था.
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के आधा दर्जन से अधिक विधायक पार्टी बदल चुके हैं. मेदिनीपुर के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी समेत आधा दर्जन से अधिक विधायकों ने एक साथ अमित शाह की रैली में भाजपा का झंडा थाम लिया था. भाजपा का दावा है कि कई और विधायक पाला बदलने के लिए तैयार हैं.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि अप्रैल-मई में पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं. चुनाव आयोग ने भी इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं. सभी राजनीतिक दल अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी हुई हैं. भाजपा एक के बाद एक तृणमूल विधायक को अपने पाले में करके 294 सदस्यीय विधानसभा में 200 सीट जीतने की कोशिश कर रही है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस किसी भी सूरत में अपनी सत्ता बचाने में जुटी हुई है.
Posted By : Mithilesh Jha