कोलकाता : वाम मोर्चा और कांग्रेस पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के लिए सीटों के बंटवारे पर सोमवार (25 जनवरी) को फिर बैठक करेंगे. दोनों दलों के केंद्रीय नेतृत्व के रुख को देखते हुए ऐसा लगता है कि यह बैठक पिछली बैठकों की तरह बेनतीजा नहीं रहेगी. खबर है कि दोनों पक्ष लचीला रुख अपनाने के लिए तैयार हो गये हैं.
वाम मोर्चा में शामिल दल कांग्रेस के साथ गठबंधन को देखते हुए लचीला रुख अपनाते हुए अपनी पुरानी सीटें छोड़ने के लिए सहमत तो हैं, लेकिन संख्या के लिहाज से वे अपने पुराने संगठन का मोह त्याग नहीं पा रहे हैं. उनका कहना है कि यह पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह अपने संगठनात्मक अस्तित्व को बनाये रखे.
इस तर्क के साथ सहयोगी दलों ने माकपा नेतृत्व से अनुरोध किया कि इस विचार को सामने रखकर वह कांग्रेस के साथ एक-एक सीट पर बातचीत करे. इस बार कांग्रेस ने 130 सीटों की सूची अलीमुद्दीन स्ट्रीट (माकपा मुख्यालय) को भेजी है. विधान भवन (कांग्रेस मुख्यालय) ने तर्क दिया है कि पांच साल पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा की मजबूत उपस्थिति नहीं थी.
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कांग्रेस का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में भाजपा से लड़ाई में वामपंथी पिछड़ गये और अपनी जमीन खो दी. उनका वोट बैंक भी भगवा खेमे में शिफ्ट हो गया है. इसलिए वाम मोर्चा को ज्यादा सीटें छोड़नी चाहिए और कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ना चाहिए. कांग्रेस भी गठबंधन को देखते हुए लचीला रुख अपना रही है.
गौरतलब है कि जिला और उप-मंडल स्तर पर आंदोलन की निरंतरता के सवाल पर वामपंथी, कांग्रेस से बहुत आगे हैं. वाम नेतृत्व की तरह, इस तथ्य को सीट बंटवारे के दौरान ध्यान में रखा जाना चाहिए. इन सभी तर्कों के साथ, प्रदेश कांग्रेस और वाम मोर्चा के नेता सोमवार को फिर से बैठक करेंगे.
विमान बसु और सूर्यकांत मिश्रा ने कांग्रेस की मांग को जानने के बाद अलीमुद्दीन में फॉरवर्ड ब्लॉक, आरएसपी, भाकपा नेतृत्व के साथ वार्ता की. भाकपा (माले) के साथ भी बैठकें हुई हैं. अलीपुरदुआर, मुर्शिदाबाद, पुरुलिया जैसे जिलों में परंपरागत रूप से वामपंथी दल अधिक सीटों पर लड़ते रहे हैं.
जिन जिलों वामदल लड़ते रहे हैं उन जिलों में भी कांग्रेस ने संगठनात्मक मजबूती का हवाला देते हुए लगभग सभी सीटों की मांग की है. फॉरवर्ड ब्लॉक, आरएसपी, भाकपा के नेताओं ने उन जिलों में कुछ सीटें छोड़ने के लिए माकपा को कांग्रेस से बात करने को कहा है. विमान बसु ने सैद्धांतिक रूप से वाम दलों के साथ सहमति व्यक्त की और उन्हें सूचित किया कि इस मुद्दे पर जरूर चर्चा होगी.
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माकपा का दावा है कि उसने कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे पर विशेष चर्चा नहीं की है. राजनीतिक लाइन पर दोनों पक्षों के बीच मतभेद पर आम बयान देने की कोशिश की गयी है. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि बिहार के बाद भाकपा माले इस बार बंगाल में कई सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. माकपा के राज्य सचिवालय के एक सदस्य ने कहा कि कांग्रेस या कोई अन्य वाम दल, सभी को सीट छोड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए.
Posted By : Mithilesh Jha