West Bengal News: पश्चिम बंगाल के बीरभूम के पर्यटक स्थलों में एक है शांतिनिकेतन का सोनाझूड़ी का खोवाई हाट बाजार. सोनाझूड़ी में लगने वाला यह बाजार पेड़ो से घिरे और खुले आसमान में लगने के बाद भी यहां के ग्रामीणों के लिए महत्वपूर्ण साप्ताहिक बाजार है. बाजार में बाउल लोक गीत का आनंद लिया जा सकता है. यहां देश के भीतर के ही नहीं, बल्कि देश के बाहर के भी लोग आते हैं. लेकिन सोनाझूड़ी के खोवाई हाट बाजार में सबसे बड़ी समस्या शौचालय की थी. बीरभूम जिला प्रशासन और बीरभूम जिला परिषद ने इस बार उस समस्या को दूर कर दिया है. यहां मोबाइल शौचालय समेत कई सुविधाएं शुरू की गई हैं.
22 लाख की लागत से बस को टॉयलेट में बदला
बताते चलें कि इस शौचालय को 22 लाख की लागत से एक पुरानी बस से बनाया गया है. इस टॉयलेट को इलू नाम की कंपनी ने लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बनाया है. इस संस्था के सह-संस्थापक दीपेंदु रॉय ने कहा – इस शौचालय में आयनिक नियंत्रण सेंसर लगाया गया है. जिसका पहली बार पूर्वी भारत में इस्तेमाल हो रहा है. पश्चिम बंगाल में यह पहला मोबाइल टॉयलेट है, जो सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है. इस मोबाइल टॉयलेट में सेंसर और इंटरनेट का उपयोग करके शौचालयों को अत्याधुनिक बनाया गया है. इस शौचालय में कितना पानी है या कितने लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, यह दुनिया में कहीं से भी पता लगाया जा सकता है.
मोबाइल टॉयलेट में महिलाओं के लिए तीन शौचालय
बीरभूम के जिलाधिकारी (डीएम) बिधान राय ने बताया की इस मोबाइल टॉयलेट में महिलाओं के लिए तीन शौचालय तैयार किया गया हैं. इसके अलावा वॉशरूम और चेंजिंग रूम भी बनाया गया हैं. बच्चों को साथ लाने वाले पर्यटकों के लिए एक फीडिंग कॉर्नर भी दिया गया है.इसके अलावा पीछे की ओर थर्ड जेंडर और विशेष रूप से विकलांग और पुरुष उपयोग दोनों के लिए शौचालय बनाया गया हैं. इसके अलावा यहां पर्यटकों के लिए फूड कॉर्नर भी है.यह प्रयास सबसे पहले पश्चिम बंगाल में बीरभूम के सोनाझुडी के खोवाई हाट बाजार में लगाया गया है.
देना होगा सामान्य शुल्क
इस शौचालय को मुफ्त में उपयोग नहीं किया जा सकता है. यूजर्स को इसका इस्तेमाल करने के लिए न्यूनतम लागत वहन करनी होगी. इस मोबाइल टॉयलेट के आने से यहां के पार्टको में खुशी देखी जा रही है. कोलकाता से पहुंचे पर्यटक अभिजीत बनर्जी ने बताया की वे करीब बीस वर्षो से यहां इस हाट बाजार में आ रहे है लेकिन यहां शौचालय की सबसे बड़ी समस्या थी. विशेषकर महिला पर्यटकों को सबसे ज्यादा दिक्कत होती थी. लेकिन इस मोबाइल टॉयलेट के होने से काफी खुशी हुई.
रिपोर्ट : मुकेश तिवारी