कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों से पांच अप्रैल को नौ मिनट के लिए लाइट ऑफ कर लेने की अपील के मद्देनजर पश्चिम बंगाल विद्युत विभाग ने बिजली खपत में उतार-चढ़ाव के कारण ग्रिड के फेल होने की आशंका से बैकअप आपूर्ति व्यवस्था तैयार करने का निर्णय लिया है.
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मोदी ने शुक्रवार को लोगों से कोरोना वायरस को हराने के सामूहिक निश्चय को प्रकट करने के लिए पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए अपने घरों की लाइट ऑफ करके दीये, मोमबत्तियां और मोबाइल फोन जलाने की अपील की थी.
पश्चिम बंगाल के विद्युत मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा, ‘मेरी अपने अधिकरियों एवं इंजीनियरों से बातचीत हुई थी. हमारा विभाग रविवार की रात इस कार्यक्रम के मद्देनजर किसी किसी दिक्कत की स्थिति के लिए बैकअप पावर आपूर्ति शृंखला को तैयार रखने के लिए काम कर रहा है.’
उन्होंने कहा कि वैसे तो विद्युत तंत्र नेशनल ग्रिड से जुड़ा है और एक ही समय विद्युत खपत में विसंगति से फेल हो सकता है, लेकिन हमारे पास बैकअप व्यवस्था है, जिसे सक्रिय कर दिया गया जायेगा, ताकि कोई मुश्किल न हो. एक अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन के चलते ज्यादातर उद्योग, मिलें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं तथा बिजली की मांग बहुत घट गयी है.
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास पर्याप्त बिजली आपूर्ति है, जो ग्रिड के ठप होने की स्थिति में बैकअप क्षमता के रूप में उपयोगी होगी.’ उल्लेखनीय है कि इसके पहले प्रधानमंत्री की अपील पर लोगों ने 22 मार्च, 2020 को ताली, थाली, घंटी और शंख बजाकर उन लोगों का अभिनंदन किया था, जो लोग कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं.
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अब प्रधानमंत्री ने अपील की है कि दुनिया को प्रकाश की ताकत का एहसास कराने के लिए 9 मिनट तक अपने घरों की बिजली बंद रखें. इस दौरान अपने घर के बाहर, छतों पर दीये, मोमबत्ती और टॉर्च जलायें. लोगों ने इसकी तैयारी कर ली है. कई राज्यों में बड़े पैमाने पर कुम्हारों ने दीये तैयार किये हैं.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने जब बिजली बंद करके दीये, मोमबत्ती और टॉर्च जलाकर उजाला करने की अपील की, तो उनकी जमकर आलोचना हुई. कहा गया कि प्रधानमंत्री की इस अपील से देश के बिजली ग्रिड फेल हो जायेंगे. बाद में केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई खतरा नहीं है.