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ऐसे हुई इस ‘राजा’ की विदाई, 57 सालों तक भारत में किया था ‘राज’

हिंदुस्तान एंबेसडर एक ऐसी कार है जो भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है. यह कार 1957 से 2014 तक हिंदुस्तान मोटर्स द्वारा निर्मित की गई थी. एंबेसडर को एक निश्चित भारतीय कार माना जाता था और इसे प्यार से "भारतीय सड़कों का राजा" कहा जाता था.

एंबेसडर का निर्माण मॉरिस ऑक्सफोर्ड सीरीज III मॉडल पर आधारित था, जिसे पहली बार 1956 से 1959 तक यूनाइटेड किंगडम में काउली, ऑक्सफोर्ड में मॉरिस मोटर्स लिमिटेड द्वारा बनाया गया था. हिंदुस्तान मोटर्स ने 1957 में भारत में एंबेसडर का उत्पादन शुरू किया और इसे तुरंत सफलता मिली. एंबेसडर को अपने विशाल इंटीरियर और आरामदायक सवारी के लिए जाना जाता था. यह कार सरकारी अधिकारियों और वीआईपी लोगों के बीच भी लोकप्रिय थी. एंबेसडर का इस्तेमाल भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की कार के रूप में किया जाता था.

Hindustan Ambassador की लोकप्रियता के कारण

एंबेसडर कार भारत में कई कारणों से लोकप्रिय थी. सबसे पहले, यह एक आरामदायक और विश्वसनीय कार थी. दूसरी बात, यह एक बड़ी कार थी जो परिवारों और व्यवसायों के लिए उपयुक्त थी. तीसरा, यह एक किफायती कार थी जो भारतीय मध्यम वर्ग के लिए सुलभ थी.

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Hindustan Ambassador स्टेटस सिंबल

एंबेसडर भारत में सरकारी अधिकारियों और टैक्सी चालकों के बीच एक लोकप्रिय कार थी. इसे भारतीय मध्यम वर्ग के बीच एक स्टेटस सिंबल के रूप में भी देखा जाता था. हालाँकि, 1990 के दशक में कार की लोकप्रियता में गिरावट आई क्योंकि भारत में नई, अधिक आधुनिक कारें उपलब्ध हो गईं.

Hindustan Ambassador Design

एंबेसडर एक सेमी-मोनोकोक डिज़ाइन वाली कार थी, जो 1950 के दशक की शुरुआत में वाहन इंजीनियरिंग में काफी उन्नति थी. यह अपनी आरामदायक सवारी और अपेक्षाकृत ईंधन-कुशल इंजन के लिए भी जाना जाता था. एंबेसडर में 1.5-लीटर का इंजन था जो 75 बीएचपी की पावर और 100 एनएम का टॉर्क पैदा करता था. यह इंजन 4-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ उपलब्ध था. एंबेसडर की टॉप स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा थी.

Hindustan Ambassador Edition

एंबेसडर को विभिन्न संस्करणों में पेश किया गया था, जिसमें टैक्सी, निजी, और सरकारी संस्करण शामिल थे. टैक्सी संस्करण सबसे आम संस्करण था और इसे भारत में शहरों और कस्बों में देखा जाता था. निजी संस्करण एक अधिक आरामदायक और सुविधाजनक कार थी और इसे परिवारों और व्यवसायों द्वारा उपयोग किया जाता था. सरकारी संस्करण भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की कार के रूप में उपयोग किया जाता था.

Hindustan Ambassador क्यों बंद हुई?

और आखिर में घटती बिक्री, बढ़ती लागत और मार्केट में नए मॉडल की कारों के आने के कारण 2014 में एंबेसडर का उत्पादन बंद हो गया. हालांकि, भारत में अभी भी इस कार के प्रशंसक मौजूद हैं और इसे एक क्लासिक कार माना जाता है. हालांकि भारतीय सड़कों पर राज करने वाले इस राजा दोबारा लॉन्च होने की बात सामने आ रही है, इस बार पेट्रोल डीजल नहीं बल्कि इलेक्ट्रिक अवतार में इस राजा के लौटने की बात हो रही है मगर इसकी कोई आधिकारिक सूचना फिलहाल नहीं.

Hindustan Ambassador A Historical Car

एंबेसडर एक ऐतिहासिक कार है जिसने भारत के इतिहास और संस्कृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. यह कार भारत के स्वतंत्रता के बाद के विकास का एक प्रतीक है. एंबेसडर एक ऐसी कार है जो भारत की सड़कों और लोगों के दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ गई है. एंबेसडर को आधुनिक कारों से प्रतिस्पर्धा करने में मुश्किल हुई, और अंततः 2014 में इसका उत्पादन बंद कर दिया गया. हालांकि, एंबेसडर की विरासत जीवित है और यह एक लोकप्रिय संग्रहणीय कार बनी हुई है.

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