Aviation Management: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि देश के एविएशन सेक्टर को अगले चार वर्षों में सरकारी और निजी क्षेत्र से लगभग 95,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है. भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में अगले 7 से 10 वर्षों में लगभग 40 करोड़ यात्रियों के आने की संभावना है. आप अगर इस संभावनाओं से पूर्ण क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो एविएशन मैनेजमेंट आपके लिए बेहतरीन विकल्प बन सकता है. एयरलाइंस एवं एयरपोर्ट ऑपरेशन मैनेजमेंट दोनों ही एविएशन मैनेजमेंट के तहत आते हैं. इसलिए इस क्षेत्र में जॉब के कई अवसर मौजूद हैं. जाने एविएशन मैनेजमेंट के करियर में कैसे बढ़ सकते हैं आगे…
एविएशन मैनेजमेंट एक ऐसा कार्यक्षेत्र है, जो युवाओं के लिए आये दिन नौकरी के बेहतरीन अवसर सृजित करता है. एविएशन बेनिफिट्स बियॉन्ड बॉर्डर्स 2020 रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर एविएशन से सीधे तौर पर 11.3 मिलियन नौकरियां पैदा होती हैं. कोरोना महामारी के बाद यह क्षेत्र एक बार फिर पहले के प्रदर्शन को पकड़ने और उससे आगे निकलने के लक्ष्य की ओर अग्रसर है, जिसके चलते यहां बड़ी संख्या में कुशल पेशेवरों की मांग है. ऐसे युवा, जो एयरलाइंस और एयरपोर्ट मैनेजमेंट में मैनेजेरियल पदों पर काम करने की ख्वाहिश रखते हैं, वे एविएशन मैनेजमेंट का रुख कर अपने करियर को सफलता की उड़ान दे सकते हैं.
मान्यताप्राप्त संस्थान से साइंस स्ट्रीम के साथ न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों से बारहवीं पास करनेवाला कोई भी छात्र एविएशन मैनेजमेंट के ग्रेजुएशन कोर्स में दाखिला ले सकता है. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए अभ्यर्थी का स्नातक होना अनिवार्य है. पीजी में प्रवेश के लिए राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तर पर कुछ प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं. वहीं केबिन क्रू या ग्राउंड स्टाफ की नौकरी के लिए किसी भी स्ट्रीम में स्नातक की डिग्री प्राप्त करनेवाले आवेदन कर सकते हैं.
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बीबीए कोर्स इन एविएशन मैनेजमेंट : तीन वर्षीय इस कोर्स के माध्यम से छात्रों को एविएशन मैनेजमेंट के क्षेत्र में फाइनेंशियल अकाउंटिंग, कार्गो हैंडलिंग, एविएशन मार्केटिंग, ऑर्गनाइजेशनल बिहेवियर, एयरलाइंस के एयरपोर्ट फंक्शन आदि से संबंधित जिम्मेदारियों के लिए तैयार किया जाता है.
यह डिग्री कोर्स उन युवाओं के लिए है, जो एविएशन मैनेजमेंट के क्षेत्र में टेक्निकल जॉब करना चाहते हैं. इसके अंतर्गत छात्रों को एयर रेग्यूलेशंस, नेविगेशन, मेटियोरोलॉजी, एयरक्राफ्ट एवं इंजन, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, क्रू मैनेजमेंट आदि विषयों की जानकारी दी जाती है. एविएशन में बीएससी पूरा करने के बाद छात्र एविएशन सेक्टर से संबंधित पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेज जैसे – एमएससी एविएशन सेफ्टी, कमर्शियल पायलट ट्रेनिंग (सीपीएल) आदि की ओर भी बढ़ सकते हैं.
इस स्पेशलाइजेशन कोर्स में दाखिला लेने वाले ग्रेजुएट्स को ई-बिजनेस, एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस एवं मैनेजमेंट, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, एविएशन लॉ, एयरलाइन इकोनॉमिक्स, एयरलाइन एडवरटाइजिंग एंड सेल्स प्रमोशन आदि की जानकारी दी जाती है.
एक वर्षीय इस कोर्स में एयरपोर्ट मैनेजमेंट पर फोकस किया जाता है, जिसके अंतर्गत स्टाफ मैनेजमेंट, सेफ्टी एवं सिक्योरिटी मैनेजमेंट, कार्गो मैनेजमेंट एवं एयरपोर्ट स्ट्रेटजी एवं फंक्शनिंग आदि से संबंधित शिक्षा दी जाती है.
यह स्पेशलाइज्ड डिप्लोमा आपको उन विशिष्ट कौशलों से लैस करता है, जिनकी आवश्यकता एविएशन सेक्टर में काम करने के लिए होती है. इस कोर्स के विषयों में कम्युनिकेशन, इंट्रोडक्शन ऑफ एविएशन हॉस्पिटैलिटी, फूड एवं बेवरेज प्रोडक्शन, फ्रंट ऑफिस ऑपरेशंस, मैनेजमेंट आदि शामिल हैं.
राजीव गांधी नेशनल एविएशन यूनिवर्सिटी (आरजीएनएयू) : बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज इन एविएशन सर्विसेज एंड एयर कार्गो, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एयरपोर्ट ऑपरेशंस.
मुंबई यूनिवर्सिटी: ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एविएशन, बीबीए इन एविएशन.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया सेंट्रल यूनिवर्सिटी, नयी दिल्ली : एयरोनॉटिक्स में बीएससी.
वनस्थली विद्यापीठ, जयपुर : बीबीए इन एविएशन.
एनआईएमएस (निम्स) यूनिवर्सिटी, जयपुर : डिप्लोमा इन एविएशन, एमएससी इन एविएशन.
एसजेईएस कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, बेंगलुरु : एविएशन एंड लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट में एमबीए.
नेहरू कॉलेज ऑफ एयरोनॉटिक्स एंड एप्लाइड साइंसेज, कोयम्बटूर : एमबीए इन एयरलाइन एंड एयरपोर्ट मैनेजमेंट.