विदेशों में पढ़ने ना जा सके भारतीय छात्र इसके लिए एआईसीटीई तैयार कर रहा है एक खास रिपोर्ट

विदेशों में शिक्षा प्राप्त करने वाले भारतीय छात्रों और उन्हें आकर्षित करने को लेकर ‘‘स्थिति रिपोर्ट'' तैयार कर रहा है.

By Agency | July 26, 2020 2:55 PM
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विदेशों में शिक्षा प्राप्त करने वाले भारतीय छात्रों और उन्हें आकर्षित करने को लेकर ‘‘स्थिति रिपोर्ट” तैयार कर रहा है. इसमें यह ब्यौरा होगा कि कितने छात्र विदेशों में पढ़ने जाते हैं, भारत में कहां ऐसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, कोविड-19 के कारण विदेशों से स्वदेश वापसी करने वाले भारतीय छात्र कैसे सुचारू रूप से पढ़ाई कर सकते हैं, साथ ही बाहर जाने वाले छात्रों को कैसे आकर्षित किया जा सकता है.

एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे ने ‘‘भाषा” को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम एक स्थिति रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं जिसमें ‘‘भारत में रहे, भारत में पढ़े” पर खास ध्यान दिया जाएगा. यह रिपोर्ट 7-8 दिन में तैयार हो जाएगी. ” उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए कुलपतियों एवं संस्थानों के निदेशकों आदि से विचार विमर्श किया जाएगा ताकि कुछ अच्छे सुझाव सामने आ सकें. सहस्रबुद्धे ने कहा कि इस कड़ी में शनिवार को तकनीकी संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से विमर्श शुरू हो गया है.

गौरतलब है कि मानव संसधन विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष के नेतृत्व में एक समिति गठित करने का निर्णय किया. भारत में रहकर अधिक छात्र पढ़ सकें तथा कोविड-19 के कारण विदेशों से भारतीय छात्र सुचारू रूप से स्वदेश वापसी कर सकें, समिति इससे संबंधित उपायों के बारे में अपने सुझाव देगी. समिति को 15 दिनों में रिपोर्ट पेश करनी है.

एआईसीटीई के अध्यक्ष ने कहा कि रिपोर्ट तैयार करते समय हम यह ध्यान दे रहे हैं कि कितने छात्र देश से बाहर पढ़ रहे हैं. वे किस तरह के कोर्स को पसंद कर रहे हैं और भारत में कहां कहां इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं. आत्मनिर्भर भारत अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमने इस बात पर जोर दिया है कि छात्र देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अपनी शिक्षा के साथ और क्या क्या कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि हाल ही में सरकार द्वारा चीन के 59 एप को प्रतिबंधित किए जाने की पृष्ठभूमि में क्या यहां के के छात्र इस प्रकार का कोई एप तैयार कर सकते हैं, क्या वे किसी ‘हार्डवेयर’ का विकास कर सकते हैं जिनका हम आयात करते हैं. ऐसे कई विषयों पर विचार होगा. सहस्रबुद्धे ने कहा कि नवाचार को बढावा देने के लिए ‘‘नेशनल एजुकेशन एलायंस फॉर टेक्नोलॉज” पोर्टल भी तैयार किया गया है.

posted by : sameer oraon

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