Army Day 2022: आज मनाया जा रहा है Army Day, जानें इस दिन का महत्व और केएम करियप्पा से जुड़े रोचक फैक्ट्स
Army Day 2022: 15 जनवरी 2022 को आर्मी डे मनाया जा रहा है. देश की रक्षा में अपने प्राण का त्याग करने वाले वीरों को आज पूरा देश अपनी सलामी दे रहा है. जानें इस दिन का क्या महत्व है.
Army Day 2022: आर्मी डे आज मना जा रहा है. आर्मी जैसा कि नाम से ही साफ है भारतीय थल सेना (Indian Army). आज का दिन आर्मी के लिए बेहद आज खास है. इसी दिन वर्ष 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी. फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे. सेना की कमान लेने के बाद फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ बने थे. करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में ही प्रत्येक वर्ष ‘आर्मी डे’ सेलिब्रेट किया जाता है.
15 जनवरी 2022 के दिन 74वां आर्मी दिवस मनाया जा रहा है. आर्मी डे पर राजधानी दिल्ली और सभी सेना मुख्यालयों पर सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है. आज के दिन पूरा देश थल सेना की अदम्य साहस, वीरता, उनके शौर्य और कुर्बानियों को याद करता है.
देश के आजाद होने के बाद भी भारतीय सेना का अध्यक्ष ब्रिटिश मूल का ही होता था
भारतीय आर्मी का गठन 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया था. भारतीय सेना पर देश की आजादी से पहले ब्रिटिश कमांडर का कब्जा था. इसके बाद साल 1947 में जब देश आजाद हुआ, तब भी भारतीय सेना का अध्यक्ष ब्रिटिश मूल का ही होता था. लेकिन फिर करीब 2 साल बाद 15 जनवरी 1949 में आजाद भारत के आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर ने भारतीय सेना की कमान भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल के एम.करियप्पा को सौंपी थी. यह दिन पूरे देश के लिए बहुत ही विशेष था और इसके बाद ही क्योंकि लेफ्टिनेंट जनरल के एम.करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सैन्य कमांडर बने थे. भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में ये शामिल है. इसलिए 15 जनवरी को हर साल भारतीय सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है. आर्मी डे को मनाने का मकसद उन सभी शहीदों को सलाम करना भी है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राण त्याग दिए और उन सैनिकों को भी सलाम करना है जो देश की सेवा में लगे हुए हैं. और जिनकी वजह से हम सभी खुद को हर पल सुरक्षिम महसूस करते हैं.
केएम करियप्पा कौन थे जाने
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करिअप्पा का जन्म1899 में कर्नाटक के कुर्ग में हुआ थ.
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फील्ड मार्शल के रूप में सिर्फ 20 वर्ष की उम्र में करिअप्पा ने ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी शुरू की थी.
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दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बर्मा में जापानियों को शिकस्त देने के लिए करिअप्पा को ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर के सम्मान से भी नवाजा गया था.
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करिअप्पा ने वर्ष 1947 के भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर सेना का नेतृत्व किया था.