पटना उच्च न्यायालय द्वारा माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) परिणाम जारी करने से संबंधित मामले में अपना फैसला देने के एक दिन बाद, बिहार बोर्ड जल्द ही परिणाम घोषित करने की संभावना है. न्यायमूर्ति एहसानुद्दीन इमानुल्लाह की एकल पीठ ने आदित्य प्रकाश और अन्य द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया और मामले में कोई कानूनी हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया गया है. न्यायालय ने आगे राज्य सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) को भविष्य में Bihar STET का पाठ्यक्रम तैयार करने का निर्देश दिया है.
37 हजार शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ
परिणाम माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त पदों के लिए लगभग 37 हजार शिक्षकों की भर्ती का मार्ग प्रशस्त करेगा. परिणाम घोषित होने के बाद, राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नियोजन कार्यक्रम जारी किया जाएगा. भर्ती जिलेवार की जाएगी और मेरिट के आधार पर एक सूची तैयार की जाएगी.
मिली जानकारी के मुताबिक मेरिट और रोस्टर के हिसाब से खाली पदों पर आवेदन मंगाए जाएंगे और जल्द से जल्द टीचरों की भर्ती की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी. बता दें कि बिहार के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में फिलहाल 37 हजार 335 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं. गुरुवार को हाईकोर्ट ने बोर्ड की ऑनलाइन परीक्षा को वैध करार दिया और रिजल्ट घोषित करने के आदेश दिए. हालांकि कोर्ट ने राज्य सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को आने वाली परीक्षाओं के लिए एसटीईटी का सिलेबस बनाने का आदेश भी दिया है.
इसलिए दायर की गई थी याचिका
नोटिफिकेशन के आधार पर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 37 हजार 335 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है. इसमें 25 हजार 270 पद माध्यमिक और 12 हजार 65 पद उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के लिए है. बता दें कि सात साल बाद एसटीईटी हुआ थाऔर इसमें उम्र सीमा की छूट भी दी गयी थी. माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2019 का नोटिफिकेशन सितंबर 2019 में जारी हुआ था और ऑफलाइन परीक्षा 28 जनवरी 2020 को हुई थी. परीक्षा में चार केंद्रों पर आउट ऑफ सिलेबस प्रश्न पूछे जाने पर हंगामा हुआ था. इन असंतुष्ट छात्रों ने ही हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
Posted By: Shaurya Punj