CBSE, CISCE 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाएं ऑफलाइन होगी या नहीं? इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट में आज हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट आज यानी 23 फरवरी 2022 काो इस साल सीबीएसई, सीआइसीएसई समेत अन्य विभिन्न राज्य बोर्डों के द्वारा आयोजित की जाने वाली कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए ऑफलाइन बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. बता दें कि ऑफलाइन एग्जाम के खिलाफ दायर की गई याचिका पर न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए. एम. खानविल्कर की अगुवाई वाली खण्डपीठ सुनवाई करेगी. ऑफलाइन बोर्ड परीक्षओं को रद्द करने वाली याचिका देश भर के 15 राज्यों के छात्रों द्वारा दायर की गई है.
इससे पहले इस साल ऑफलाइन मोड पर होने वाली CBSE, CISCE Board Exams 2022 को रद्द करने के लिए छात्रों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट 21 फरवरी को राजी हो गया था. कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर, कक्षा 10 वीं और 12 वीं के छात्रों ने बोर्ड परीक्षा 2022 ऑफलाइन कराने को रद्द करने या वैकल्पिक मूल्यांकन की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था. शीर्ष अदालत ने 21 फरवरी को सुनवाई के लिए याचिका सूचीबद्ध की थी.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईसीएसई), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (आईसीएसई) द्वारा आयोजित होने वाली ऑफलाइन बोर्ड परीक्षाओं के खिलाफ छात्रों ने पिछले हफ्ते यह याचिका दायर कर अदालत के हस्तक्षेप की मांग की है. ध्यान देने योग्य बात यह है कि सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड पहले ही टर्म 1 बोर्ड परीक्षा आयोजित कर चुके हैं. CBSE, CISCE टर्म 2 बोर्ड परीक्षा 2022 का शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है. शेड्यूल के अनुसार, परीक्षाएं अप्रैल के महीने में शुरू होंगी.
CBSE और CISCE दोनों ने COVID के कारण दो अलग-अलग शर्तों में बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया था. छात्रों के अंतिम परिणाम दोनों शर्तों में उनके प्रदर्शन के आधार पर तैयार किए जाएंगे. अंतिम मार्कशीट द्वितीय सत्र की परीक्षा आयोजित करने के बाद ही जारी की जाएगी.
बता दें कि याचिका के माध्यम से 15 से अधिक राज्यों के कक्षा 10 और 12 के छात्रों ने आगामी बोर्ड परीक्षा 2022 के लिए ऑनलाइन परीक्षा व वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. पिछले साल COVID-19 महामारी के कारण, बोर्ड ने वैकल्पिक मूल्यांकन मानदंडों के माध्यम से छात्रों का मूल्यांकन करने का निर्णय लिया. कोई बोर्ड परीक्षा आयोजित नहीं की गई थी. और छात्रों को आंतरिक परीक्षा और बोर्ड द्वारा तैयार किए गए फॉर्मूले के आधार पर अंक और प्रतिशत दिए गए थे. सीबीएसई के साथ-साथ अन्य बोर्डों ने भी यही पासिंग पद्धति लागू की. इसके अलावा याचिका में सभी बोर्ड्स को समय पर रिजल्ट घोषित करने के लिए निर्देश देने और विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के कारण इंप्रूवमेंट एग्जाम (Improvement Exam 2022) का विकल्प देने की भी मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट में 21 फरवरी को वकील प्रशांत पद्मनाभन् ने ऑफलाइन बोर्ड एग्जाम्स रद्द करने की मांग वाली याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि ‘यह कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के संबंध में है. कोरोना महामारी के कारण फिजिकल क्लासेस भी संचालित नहीं की जा सकी थीं.’ इसपर सीजेआई एनवी रमणा ने कहा था कि ‘ठीक है. मामले को जस्टिस एएम खानविलकर की बेंच के पास भेजते हैं.’