वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अपना केंद्रीय बजट भाषण एक घंटे 30 मिनट में पूरा किया, जो वर्षों में सबसे छोटा बजट भाषण था. उन्होंने सुबह 11 बजे टैबलेट से पढ़कर बजट पेश करना शुरू किया.
2020 में, उन्होंने अपना बजट भाषण दो घंटे 42 मिनट पढ़ कर सुर्खियां बटोरीं थीं. जबकि बजट भाषण 90 से 120 मिनट के बीच किया जा सकता है, उस वर्ष सीतारमण का भाषण स्वतंत्र भारत के इतिहास में अवधि के मामले में सबसे लंबा भाषण था. सीतारमण ने 1 फरवरी, 2020 को केंद्रीय बजट 2020-21 पेश करते हुए 2 घंटे 42 मिनट तक सबसे लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड बनाया है. दो पृष्ठ अभी भी शेष हैं, उन्हें अस्वस्थ महसूस करने के कारण अपना भाषण छोटा करना पड़ा. उन्होंने अध्यक्ष से भाषण के शेष भाग को पढ़ा हुआ मानने के लिए कहा.
साल 2020 के बजट भाषण के दौरान, सीतारमण ने जुलाई 2019 का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया – अपना पहला बजट – जब उन्होंने 2 घंटे 17 मिनट तक दिया था. वहीं पिछले साल, सीतारमण का बजट भाषण बहुत छोटा था, जो एक घंटा 40 मिनट का था. और इस साल यानी साल 2022 में सीतारमण का बजट भाषण 1 घंटे 30 मिनट का था.
2019 में, सीतारमण इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं, जिन्होंने वित्तीय वर्ष 1970-71 के लिए बजट पेश किया था. उस वर्ष, सीतारमण ने पारंपरिक बजट ब्रीफकेस को हटा दिया और इसके बजाय भाषण और अन्य दस्तावेजों को ले जाने के लिए राष्ट्रीय प्रतीक के साथ एक पारंपरिक ‘बही-खाता’ का इस्तेमाल किया.
1991 में नरसिम्हा राव सरकार के तहत मनमोहन सिंह ने 18,650 शब्दों में सबसे लंबा बजट भाषण दिया था. 2018 में, तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली का 18,604 शब्दों के साथ भाषण शब्द गणना के मामले में दूसरा सबसे लंबा भाषण था. जेटली ने 1 घंटा 49 मिनट तक बात की.
बता दें कि पहली बार भारत में 7 अप्रैल, 1860 को पेश किया गया था जब ईस्ट इंडिया कंपनी के स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनेता जेम्स विल्सन ने इसे ब्रिटिश क्राउन के सामने पेश किया था. स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आर के षणमुखम चेट्टी ने पेश किया था.