अभिनय के क्षेत्र में बना सकते हैं करियर… बस रखना होगा इन बातों का ख्याल
रंगमंच हो या रुपहला परदा अभिनय करने की चाह लेकर बड़े पैमाने पर युवा इन मंचों से जुड़ने का सपना देखते हैं. चुनौती से भरी इस दुनिया में अपनी जगह बनाना आसान नहीं, लेकिन सही मंच और इस कला में खुद को मांजने का जुनून आपके लिए आगे का रास्ता बना सकता है. अभिनय की पहली सीढ़ी है रंगमंच.
रंगमंच हो या रुपहला परदा अभिनय करने की चाह लेकर बड़े पैमाने पर युवा इन मंचों से जुड़ने का सपना देखते हैं. चुनौती से भरी इस दुनिया में अपनी जगह बनाना आसान नहीं, लेकिन सही मंच और इस कला में खुद को मांजने का जुनून आपके लिए आगे का रास्ता बना सकता है. अभिनय की पहली सीढ़ी है रंगमंच.
नसीरुद्दीन शाह, राज बब्बर, अनुपम खेर, ओमपुरी, पंकज कपूर, रघुवीर यादव, नीना गुप्ता, रोहिणी हटंगड़ी, सीमा विश्वास, इरफान खान, नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसी कई शख्सियतों ने रंगमंच से अभिनय के गुर सीखकर फिल्मी परदे का रुख किया. आगे चलकर इन कलाकारों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति हासिल की.
इस क्षेत्र में कैसे बनाएं करियर : महानगरों से लेकर छोटे शहरों और कस्बों तक ऐसे युवाओं की लंबी फेहरिस्त देखी जा सकती है, जो अभिनय करना चाहते हैं. अधिकतर युवाओं की इस चाह के पीछे माया नगरी मुंबई की चकाचौंध के प्रति आकर्षण है, तो कुछ के लिए अभिनय के प्रति जुनून का होना. दोनों ही स्थितियों में एक सवाल कॉमन है कि अभिनय को करियर कैसे बनायें? अब वो जमाना बीत गया है, जिसमें कहते थे कि मुंबई जायेंगे और एक्टर बनेंगे. असल में अभिनय में करियर बनाने का रास्ता अभिनय की बारीकियों को सीखने से शुरू होता है. यह बारीकी रंगमंच में काम करके सीखी जा सकती है.
हुनर को मांजना है जरूरी : अभिनय एक हुनर है, जिसे अगर संजीदगी से तराशा जाये तो एक मुकम्मल मुकाम तक पहुंचा जा सकता है. अभिनय की दुनिया रंगमंच, टेलीविजन से लेकर रुपहले परदे तक आबाद है, जिसमें सफलता पाने और नाम कमाने के मौके हर वक्त जन्म लेते हैं, अब ये आपकी मेहनत और प्रतिभा पर है कि आप उसे कैसे अपने नाम कर लें.
रंगमंच के साथ बढ़ें आगे: एक समय था जब थियेटर को एक करियर विकल्प के रूप में सोचना समझ से बाहर था, लेकिन अब देश के कुछ हिस्सों में थियेटर के लिए एक अच्छा माहौल है. इन दिनों कमर्शियल थियेटर ग्रुप अच्छा काम कर रहे हैं. महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई राज्यों में ये थियेटर खासे लोकप्रिय हैं और इनका अपना एक दर्शक वर्ग है.
आप किसी भी थियेटर समूह के साथ जुड़कर अपनी एक पहचान और रोजगार पा सकते हैं. थियेटर करने से अभनिय की बारीकियां सीखने के साथ एक तरह का आत्मविश्वास हासिल कर सकते हैं. टेलीविजन और फिल्मों में जाना चाहते हैं, तो समय-समय पर होनेवाले ऑडिशन देते रहें. क्या पता कब कोई चुनौती भरा रोल मिले और रुपहले परदे का रास्ता आपके लिए खुल जाये.
रखें इन बातों का खास ख्याल: नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा एवं फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे या किसी प्रतिष्ठित नाट्य संस्थान में प्रवेश पाने का प्रयास करें. आप किसी प्राइवेट एक्टिंग स्कूल में भी दाखिला ले सकते हैं, लेकिन उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें. कहीं भी ऑडिशन देने जा रहे हैं, तो ध्यान रखें ऑडिशन की कोई फीस नहीं लगती.
अभिनय सिखानेवाले प्रमुख संस्थान
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी), नयी दिल्ली.
nsd.gov.in/delhi
फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआइआइ), पुणे.
www.ftiindia.com
एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म्स एंड टेलीविजन, नोएडा.
http://aaft.com
श्रीराम सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स.
https://shriramcentre.org
ड्रामा स्कूल मुंबई.
https://dramaschoolmumbai.in
भारतेंदु नाट्य अकादमी, लखनऊ.
http://www.bnalko.in
Posted by: Pritish Sahay