CBSE Syllabus 2020-21: इस वर्ष हो सकती है सीबीएसई स्कूलों में सिलेबस की कटौती
CBSE Syllabus 2020-21: कोरोना वायरस के कारण इस साल स्कूलों में ऑनलाइन क्लास (Online Classes हो रही है. शिक्षण संस्थान पूरी तरह से बंद हैं, इस कारण से पढ़ाई पर भी असर पड़ा है. खबर है कि सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) का सिलेबस 33 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है, इसके अलावा पेपर पैटर्न में भी बदलाव किए जाने की बात हो रही है. सीबीएसई अपने नए शैक्षणिक सत्र (academic year) में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए बदलाव कर सकता है. इसके साथ ही परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव की उम्मीद है. सूत्रों की मैने तो इस साल सीबीएसई के वर्तमान सिलेबस (syllabus) में 33 प्रतिशत की कटौती कर सकता है. ऑनलाइन क्लास के संचालन के ऑफलाइन क्लास के काफी अलग होता है.
कोरोना वायरस के कारण इस साल स्कूलों में ऑनलाइन क्लास (Online Classes) हो रही है. शिक्षण संस्थान पूरी तरह से बंद हैं, इस कारण से पढ़ाई पर भी असर पड़ा है. खबर है कि सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) का सिलेबस 33 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है, इसके अलावा पेपर पैटर्न में भी बदलाव किए जाने की बात हो रही है. सीबीएसई अपने नए शैक्षणिक सत्र (academic year) में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए बदलाव कर सकता है. इसके साथ ही परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव की उम्मीद है. सूत्रों की मैने तो इस साल सीबीएसई के वर्तमान सिलेबस (syllabus) में 33 प्रतिशत की कटौती कर सकता है. ऑनलाइन क्लास के संचालन के ऑफलाइन क्लास के काफी अलग होता है.
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के कारण पिछले दो-तीन महिनों से विद्यालय में पढ़ाई पूरी तरह से बंद है. इसके अलावा परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया है. अब समय की कमी को देखते हुए सीबीएसई के सिलेबस में कटौती की जाने वाली है. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यह जानकारी एक ट्वीट के माध्यम से यह जानकारी दी थी.
उन्होंने ट्वीट किया, “मौजूदा परिस्थिति के मद्देनजर और अभिभावकों एवं शिक्षकों की ओर से मिले काफी आग्रह के बाद हम आगामी शैक्षिक सत्र के सिलेबस और पढ़ाई के घंटे में कटौती पर विचार कर रहे हैं.“ उन्होंने सभी शिक्षकों, शिक्षाविदों से इस मामले पर सुझाव मांगा था.
केंद्रीय मानव संसाधन और विकास मंत्री (HRD) रमेश पोखरियाल निशंक और राज्य के शिक्षा मंत्री के बीच हाल ही में हुई एक बैठक में, दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी चिंता जताई थी और केवल स्कूल की पाठ्यपुस्तकों से ही अध्यायों कम करने के लिए कहा था, इसके अलावे अगले साल आयोजित होने वाली जेईई और नीट की परीक्षाओं के बहारे में भी उन्होंने बात की.
अप्रैल के शुरू में जारी इस वर्ष के नए सीबीएसई पाठ्यक्रम ने भले ही छात्रों पर दबाव को कम करने के लिए कक्षा 9 से 12 के लिए कुछ बदलाव किए हों, लेकिन लगभग तीन महीने से जारी लॉकडाउन ने इसे और स्पष्ट कर दिया था कि सिलेबस में कमी जरूरी है.