सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) को लेकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बड़ी बयान दिया है. मंत्री ने बताया कि इस साल सितंबर के आसपास आयोजित होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि सीईटी के संचालन के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) का गठन केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के साथ किया गया है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘युवाओं, विशेष रूप से सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) इस वर्ष से पूरे देश में आयोजित की जाएगी जिससे केंद्र सरकार की नौकरियों में भर्ती के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग और उन्हें छांटा जा सके.’’ उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि इस तरह की पहली परीक्षा 2021 में बाद में आयोजित होने की उम्मीद है, संभवत: सितंबर या उसके आसपास. सिंह ने कहा कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा किया गया ‘परिवर्तनकारी सुधार’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप और युवाओं के लिए उनकी गहरी चिंता के कारण संभव हुआ.
सभी को मिलेगा अवसर
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एनआरए एक मल्टी-एजेंसी निकाय होगी, जो ग्रुप बी और ग्रुप सी पदों पर अभ्यर्थियों को शार्टलिस्ट करने के लिए सीईटी का आयोजन करेगी. इसकी सबसे खास बात यह है कि देश के हर जिले में इसका कम से कम एक परीक्षा केंद्र जरूर होगा. इससे सुदूरवर्ती इलाकों में रहने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा में सम्मिलित होने में काफी आसानी होगी. इस ऐतिहासिक सुधार का एक अहम मकसद हर अभ्यर्थी को समान अवसर उपलब्ध कराना है. महिलाओं और दिव्यांग अभ्यर्थियों के साथ-साथ इसका फायदा उन लोगों को भी होगा जिन्हें विभिन्न केंद्रों पर जाकर कई परीक्षाओं में सम्मिलित होना वित्तीय रूप से मुश्किल लगता है.
उन्होंने स्पष्ट किया हालांकि, स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और इंस्टीट्यूट आफ बैंकिंग पर्सनल रिक्रूटमेंट बोर्ड्स (आईबीपीएस) जैसी मौजूदा केंद्रीय भर्ती एजेंसियां अपनी आवश्यकताओं के अनुसार विशिष्ट भर्ती करना जारी रखेंगी और सीईटी केवल नौकरियों के लिए उम्मीदवारों की प्रारंभिक स्क्रीनिंग के लिए परीक्षा होगी.
Posted By: Shaurya Punj