रांची: स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए विश्वविद्यालयीय सामान्य प्रवेश परीक्षा यानी सीयूइटी के नतीजे शुक्रवार को घोषित किये गये. एनटीए की वरिष्ठ निदेशक (परीक्षा) साधना पराशर ने कहा कि परीक्षा में शामिल विश्वविद्यालय योग्यता सूची तैयार करेंगे और अभ्यर्थियों की काउंसेलिंग के बारे में निर्णय लेंगे. इस बीच, यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय मेधा सूची तैयार करने के लिए प्रत्येक विषय में मिले अंक पर आधारित सामान्य स्कोर का उपयोग करेंगे,
न कि पर्सेंटाइल या मूल अंक का. उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को सामान्य अवसर प्रदान करने के लिए स्कोर को सामान्य बनाया गया है. सीयूइटी-यूजी में 12 अभ्यर्थियों ने सभी पांच विषयों में 100 पर्सेंटाइल सामान्यीकृत अंक प्राप्त किये. वहीं, 104 ने चार विषयों में इतने अंक प्राप्त किये हैं.
गौरतलब है कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए आयोजित सीयूइटी-यूजी की परीक्षा जुलाई में शुरू हुई थी और 30 अगस्त को खत्म हुई थी. पंजीकरण कराने वाले करीब 60 फीसदी अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. सीयूइटी के लिए 14.9 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था.
विभिन्न विषयों के लिए सीयूइटी-यूजी अलग-अलग पालियों में हुई, चूंकि सभी पालियों में प्रश्न भिन्न थे. ऐसे में कुछ ने कठिन सवालों को हल किया, कुछ ने हल्के को. कठिन सवालों को हल करनेवाले अभ्यर्थियों को आसानवालों की तुलना में कम अंक मिलने की आशंका रहती है. इसलिए विभिन्न पालियों के स्कोर को सामान्यीकृत किया गया है.
आइएसआइ, आइआइटी-दिल्ली व दिल्ली विवि के प्रोफेसरों की एक समिति द्वारा इक्वीपर्सेंटाइल पद्धति के सहारे स्कोर को सामान्य बनाने का फॉर्मूला तय किया गया.
सीयूइटी-यूजी की एक विषय के लिए अलग-अलग दिनों में परीक्षा हुई थी. इससे हर ग्रुप के अभ्यर्थियों के लिए कई पर्सेंटाइल तैयार हो जाते. इसलिए रैंक निर्धारण में उपयोग नहीं किया गया.
प्रत्येक अभ्यर्थी के प्रदर्शन का मूल्यांकन इक्वी-पर्सेंटाइल पद्धति पर किया गया है. एक ही विषय के लिए कई सत्रों में हुई परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के प्रत्येक समूह के प्रतिशत का इस्तेमाल कर हर अभ्यर्थी के सामान्य अंकों की गणना होती है.