Delhi School Assessment Guidelines 2022: दिल्ली सरकार के नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में स्कूली छात्रों का अब अन्य शैक्षिक विषयों के साथ-साथ उनके व्यवहार में मानसिकता पाठ्यक्रम के प्रभाव के लिए मूल्यांकन किया जाएगा. शिक्षा निदेशालय के नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, तीसरी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों का मूल्यांकन ‘हैप्पीनेस’ और ‘देशभक्ति’ पाठ्यक्रमों के लिए किया जाएगा, जबकि नौवीं से 11वीं कक्षा तक के छात्रों का मूल्यांकन ‘देशभक्ति’ उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम के लिए किया जाएगा.
हालांकि 11वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के लिए एक अतिरिक्त मानदंड होगा, जो ‘बिजनेस ब्लास्टर्स’ कार्यक्रम में उनकी भागीदारी से संबद्ध होगी. उल्लेखनीय है कि बिजनेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम के तहत छात्रों को मुनाफा देने वाला एक विचार प्रस्तुत करने या किसी सामाजिक समस्या का हल करने के लिए 2,000 रूपये की शुरूआती रकम मुहैया की जाती है. नए मानदंड पहले से मौजूद मूल्यांकन नियमों के एक पूरक का काम करेंगे और वे सह-पाठ्यक्रम और अकादमिक गतिविधियों पर आधारित होंगे.
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ”हमने मूल्यांकन मानदंड में संशोधन किया है और आगे बढ़ रहे हैं, छात्रों का मूल्यांकन मुख्य पाठ्यक्रमों के उनके ज्ञान के अतिरिक्त उनकी क्षमताओं के आधार पर किया जाएगा.” उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी चालित असल दुनिया की चुनौतियों के लिए छात्रों को तैयार करने और उनकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए स्कूलों को क्षमता आधारित ‘लर्निंग’ (सीखने) को प्राथमिकता देनी चाहिए. नए मूल्यांकन दिशा-निर्देशों के मुताबिक, छात्रों का मूल्यांकन अब न सिर्फ पाठ्यक्रम के ज्ञान पर बल्कि वास्तविक जीवन की स्थितियों को समझने की उनकी क्षमता के आधार पर भी किया जाएगा. राष्ट्रीय प्रगतिशील स्कूल सम्मेलन (NPSC) की अध्यक्ष सुधा आचार्य, जिसके सदस्य के रूप में दिल्ली के 120 से अधिक स्कूल हैं, ने कहा कि यह पहली बार है कि सरकार ने कक्षा 3 से 8 के छात्रों के मूल्यांकन के लिए दिशानिर्देश पेश किए हैं. (भाषा)