दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि वह अंतिम वर्ष के स्नातक छात्रों के परिणामों को शीघ्र घोषित करे जिन्होंने उच्च अध्ययन के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त किया है.
परिणामों को तेज करने के अलावा, उच्च न्यायालय द्वारा ई-मेल आईडी बनाने के लिए भी विविधता का निर्देश दिया गया था, जिस पर छात्र विदेशी विश्वविद्यालय के विवरण के साथ अपने अनुरोध भेज सकते हैं जहां उन्होंने अनंतिम प्रवेश प्राप्त किया है ताकि एक अनुरोध पत्र को सीधे संबोधित किया जा सके दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) द्वारा संबंधित विदेशी संस्करण के लिए. जस्टिस हेमा कोहली और एस सुब्रमणियम प्रसाद की पीठ ने कहा कि डीयू विदेशी विश्वविद्यालय को यह आश्वासन भी देगा कि संबंधित छात्रों के परिणाम को जल्द से जल्द सूचित किया जाएगा.
खंडपीठ का आदेश डीयू के वकील द्वारा यह सूचित किए जाने के बाद आया कि उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश ने विदेशी विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले छात्रों के परिणामों से संबंधित एक आदेश सात जुलाई को पारित किया था. अपने आदेश में एकल न्यायाधीश ने कहा था, “जहां तक स्नातक पाठ्यक्रमों का संबंध है, विदेशी विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त करने वाले छात्र डीन (परीक्षा) को ई-मेल लिखकर उन्हें सूचित कर सकते हैं… ऐसे मामले में परीक्षा परिणाम जल्दी देने के लिए प्रयास किए जाएंगे.”
खंड पीठ ने विश्वविद्यालय को न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह के सात जुलाई के आदेश में जारी दिशा-निर्देश का पालन करने का निर्देश दिया. अदालत का मंगलवार का आदेश सोमवार को जारी आदेश को आगे बढ़ाता है जिसमें यह निर्देश दिया गया था कि डीयू एक सप्ताह के भीतर नयी नई ई-मेल आईडी बनाएगा और इसकी जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर दी जाएगी.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि वह अंतिम वर्ष के स्नातक छात्रों की 14 सितंबर से भौतिक रूप से परीक्षा शुरू करे और उन दिव्यांग छात्रों के ठहरने तथा परिवहन की व्यवस्था के तौर-तरीकों पर काम करे जो कोविड-19 लॉकडाउन के कारण दिल्ली छोड़कर चले गए हैं.
अदालत ने डीयू से कहा कि वह उन दिव्यांग छात्रों की संख्या का पता लगाए जो ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा नहीं दे पाए और जो भौतिक रूप से परीक्षा में बैठेंगे. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा, ‘‘आपको (डीयू) पता लगाना होगा कि दिव्यांग छात्र कहां हैं. उन्हें यात्रा के लिए पर्याप्त नोटिस देना होगा.”
Published By: Shaurya Punj