साइकिएट्रिस्ट के रूप में करें करियर का आगाज, इन संस्थानों से कर सकते हैं पढ़ाई
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक एक सौ पैंतीस करोड़ से भी अधिक आबादीवाले भारत में आज प्रायः हर तीसरा व्यक्ति किसी-न-किसी रूप में डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहा है.
श्रीप्रकाश शर्मा, प्राचार्य, जवाहर नवोदय विद्यालय : विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक एक सौ पैंतीस करोड़ से भी अधिक आबादीवाले भारत में आज प्रायः हर तीसरा व्यक्ति किसी-न-किसी रूप में डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहा है. मानसिक समस्याओं की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए साइकेट्रिस्ट्स की उपलब्धता भी अत्यंत दयनीय है. नेशनल सर्वे ऑफ मेंटल हेल्थ रिसोर्सेज के अनुसार भारत में मनोचिकित्सकों की संख्या 9000 है, यानी कुल एक लाख की जनसंख्या पर मनोचिकित्सकों की संख्या केवल 0.75 है, जबकि जरूरत के हिसाब से यह तीन होना चाहिए. साइकेट्रिस्ट की मांग को देखते हुए आप इस क्षेत्र में करियर की अच्छी संभावनाएं प्राप्त कर सकते हैं.
मनोचिकित्सक का जॉब प्रोफाइल : साइकेट्रिस्ट एक डॉक्टर होता है, जो मानसिक समस्याओं की पहचान, रोकथाम और इलाज में स्पेशलाइज्ड होता है. मानसिक रोगियों को दवाइयां प्रिस्क्राइब करने के साथ साइक्रेट्रिस्ट का काम रोगी में मानसिक समस्या की हिस्ट्री और उसके सभी मेडिकल रिकॉर्ड की स्टडी करके स्थायी निदान ढूंढ़ना, समस्या के उपचार के लिए रिलैक्सेशन थेरेपी, साइकोथेरेपी और अन्य तकनीकों का उपयोग करना होता है. जरूरत पड़ने पर उन्हें रोगियों के साथ व्यक्तिगत स्तर पर भी कार्य करना पड़ता है.
आप बन सकते हैं मनोचिकित्सक : मनोचिकित्सक के रूप में करियर बनाने के लिए 12वीं बायोलॉजी स्ट्रीम के साथ पास करना जरूरी है़ एमबीबीएस की डिग्री के लिए ऑल इंडिया लेवल का नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट) अच्छी रैंक के साथ पास करना होता है. एमबीबीएस करने के बाद मनोचिकित्सा में एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) की डिग्री हासिल करना होगा. यह पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है, जो तीन वर्ष का होता है. इसके अतिरिक्त कैंडिडेट एमबीबीएस करने के बाद दो वर्ष का साइकाइट्रिक मेडिसिन में डिप्लोमा (डीपीएम) या डिप्लोमा ऑफ नेशनल बोर्ड एग्जामिनेशन (डीएनबी) कर सकता है, जो कि एमडी डिग्री के ही समान होता है.
कोर्स व स्पेशलाइजेशन के प्रकार : साइकाइट्री में एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) के कोर्स में न्यूरोलॉजी, साइकोलॉजी, फिजियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, बायोकेमिस्ट्री के अतिरिक्त सोशल साइकाइट्री, फॉरेंसिक साइकाइट्री, चाइल्ड साइकाइट्री को शामिल किया जाता है. साथ ही मानसिक अस्पतालों में भी प्रशिक्षण दिया जाता है. साइकाइट्री में एमडी की पढ़ाई के दौरान छात्रों को विभिन्न प्रकार के स्पेशलाइजेशन कोर्स में मनपसंद ऑप्शन का चुनाव करना होता है, जैसे- सब्सटेंशियल एब्यूज थेरेपी, चाइल्ड एंड एडोलसैंट्स साइकाइट्री, एडल्ट साइकाइट्री, साइकोसोमैटिक मेडिसिन, इमरजेंसी साइकाइट्री या जेरिअट्रिक साइकाइट्री आदि़
काम के मौके हैं यहां : एक साइकेट्रिस्ट के लिए हॉस्पिटल, रिहैबिलिटेशन सेंटर्स, प्राइवेट क्लीनिक, मानसिक अस्पताल में बड़े पैमाने पर जॉब उपलब्ध होती है. एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स साइकेट्रिस्ट के रूप में काउंसलर की नियुक्ति करते हैं. मानसिक चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों में भी मेंटल हेल्थ का डिपार्टमेंट होता है, जहां मनोचिकित्सकों की नियुक्ति की जाती है. बतौर मनोचिकित्सक किसी संस्था से जुड़ने की बजाय आप खुद की क्लीनिक में प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं. यह कार्य पार्ट-टाइम के साथ-साथ फ्रीलांसर के रूप में भी किया जा सकता है.
इन संस्थानाें से कर सकते हैं पढ़ाई
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ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नयी दिल्ली (एम्स).
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पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़.
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आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज, पुणे.
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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज, बेंगलुरु.
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विद्यासागर इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (विमहंस), दिल्ली.
4 से 6 फरवरी तक आसमान में बादल रहने और हल्की से मध्यम बारिश के आसार होने पर कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को गेहूं में पानी न लगाने की सलाह दी है.
इसके साथ ही 7 फरवरी के बाद मौसम के दोबारा से खुश्क होने से रात ठंडी और दिन गर्म होने का अनुमान जताया जा रहा है. मौसम विभाग के अनुसार, हरियाणा में 4-5 फरवरी को बारिश के बाद रात का तापमान 4 से 6 डिग्री तक कम होगा. 5 से 7 फरवरी तक धुंध छाएगी. फरवरी में दो पश्चिम विक्षोभ और आ सकते हैं. इससे ठंड बनी रहेगी
Posted by: Pritish Sahay