60 साल के बाद लोग रिटायर होकर अपनी जिंदगी में आराम करना चाहते हैं, पर कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनके लिए उम्र सिर्फ एक नंबर है. चेन्नई के 67 वर्षीय शंकरनारायणन शंकरपांडियन ने गेट की परीक्षा में सफलता पाकर साबित कर दिया है कि काबिलियत उम्र की मोहताज नहीं होती. दो बच्चों के पिता और तीन बच्चों के दादा शंकरनारायण ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट)-2021 में पास होने वाले महज 17.8 फीसदी छात्रों में से एक हैं.
बने गेट परीक्षा में बाजी मारने वाले सबसे बुजुर्ग छात्र
साथ ही शंकरनारायणन शंकरपांडियन इस इंजीनियरिंग पात्रता परीक्षा में बाजी मरने वाले सबसे बुजुर्ग छात्र भी बन गए हैं. GATE में भाग होने के लिए कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है, अपने 20 वीं या 30 के दशक के प्रारंभ में छात्रों को परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले अधिकांश उम्मीदवार बनाते हैं जो एमटेक पाठ्यक्रमों और पीएसयू क्षेत्र की नौकरियों में प्रवेश के लिए प्रवेश द्वार है. हालाँकि, शंकरपांडियन उनमें से किसी के लिए भी लक्ष्य नहीं बना रहा है.
शंकरनारायणन शंकरपांडियन को मिले इतने अंक
उन्होंने गणित के पेपर में 338 और कंप्यूटर साइंस में 482 का स्कोर अपने नाम किया. हालांकि गेट परीक्षा में बैठने का यह उनका पहला अनुभव नहीं था. इससे पहले साल 1987 में भी वह 33 साल की उम्र में गेट परीक्षा पास की थी और उसके स्कोर के आधार पर आईआईटी खड़गपुर में प्रवेश पाया था. वहां से एमटेक करने के बाद उन्होंने पहले हिंदू कॉलेज में नौकरी की.
क्या है ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग
ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) को पास करने के लिए स्टूडेंट्स सालों तैयारी करते हैं, ग्रेजुएशन के दौरान ही इसके लिए अप्लाई कर देते हैं, इसी तरह शंकरनारायणन ने भी अपने ग्रेजुएशन के बाद 33 साल पहले यह परीक्षा पास की थी, स्कोर के आधार पर उन्हें IIT खड़गपुर मिला और एमटेक करने के बाद कॉलेज में बतौर प्रोफेसर पढ़ाया और US व UAE जाकर बड़ी कंपनी में जॉब की.
Posted By: Shaurya Punj