Prime Minister’s Research Fellowship Scheme में बड़े बदलाव, GATE के Score को भी घटाया गया
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को Research Fellowship Scheme में विभिन्न संशोधनों की घोषणा की. उन्होंने बताया कि अब प्रविष्टियों के दो चैनल माध्यम होंगे. पहला जिसमें अभियार्थी सीधे प्रवेश यानी Direct Entry ले सकेंगे और दूसरा होगी Lateral Entry. Lateral Entry उन्हीं छात्रों को मिलेगी जो PMRF द्वारा अनुदान देने वाले संस्थानों में PhD कर रहे हैं.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को Research Fellowship Scheme में विभिन्न संशोधनों की घोषणा की. उन्होंने बताया कि अब प्रविष्टियों के दो चैनल माध्यम होंगे. पहला जिसमें अभियार्थी सीधे प्रवेश यानी Direct Entry ले सकेंगे और दूसरा होगी Lateral Entry. Lateral Entry उन्हीं छात्रों को मिलेगी जो PMRF द्वारा अनुदान देने वाले संस्थानों में PhD कर रहे हैं.
एचआरडी मंत्री ने बताया कि PMRF देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार के लिए बनाई गई है. यह फैलोशिप के साथ, यह योजना अनुसंधान में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित करने का प्रयास करती है.
उन्होंने कहा कि संशोधनों के बाद, किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान / विश्वविद्यालय (IISc / IIT / NIT / IISERs / IIEST / CF IIITs के अलावा) के छात्र फेलोशिप के लिए पात्र हैं. इसके अलावा निशंक ने GATE स्कोर की आवश्यकता को भी घटाकर 750 से घटाकर 750 के साथ 8 या इसके समकक्ष सीजीपीए कर दिया गया है.
पोखरियाल ने ये भी बताया कि NIRF Ranking के अनुसार शीर्ष 25 संस्थानों में दिखाई देने वाली एनआईटी भी PMRF अनुदान संस्था बन सकती है. मंत्री ने आशा व्यक्त की कि संशोधनों से अधिक छात्र प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप योजना के तहत लाभ प्राप्त कर सकेंगे.
मंत्री ने यह भी बताया कि अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय में “Research And Innovation Division” के नाम से एक समर्पित डिवीजन बनाया जा रहा है. यह प्रभाग एक निदेशक की अध्यक्षता में होगा जो MHRD के तहत आने वाले विभिन्न संस्थानों के अनुसंधान कार्य का समन्वय करेगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “प्रधानमंत्री अनुसंधान अध्येता (PMRF) योजना देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार के लिए डिज़ाइन की गई है. आकर्षक फैलोशिप के साथ, यह योजना अनुसंधान में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित करने का प्रयास करती है, जिससे नवाचार के माध्यम से विकास की दृष्टि का एहसास होता है.”
उन्होंने कहा कि इस योजना की घोषणा बजट 2018-19 में की गई थी. जो संस्थान पीएमआरएफ की पेशकश कर सकते हैं, उनमें सभी आईआईटी, सभी आईआईएसईआर, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु और कुछ शीर्ष केंद्रीय विश्वविद्यालय / एनआईटी शामिल हैं जो विज्ञान और / या प्रौद्योगिकी डिग्री प्रदान करते हैं.