नई दिल्ली : किसी भी देश की सरकार को देश की व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन के लिए संसाधनों की दरकार होती है. भारत सरकार द्वारा भीं इन दिनों संसाधन के एकत्रीकरण के संदर्भ में कर प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इस कारण इनकम टैक्स, जीएसटी आदि टैक्स रिटर्न की अनिवार्यता बढ़ती जा रही है. कॉरपोरेट वर्ल्ड में पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए कंपनी प्रशासन पर भी सरकार द्वारा सख्त नजर रखी जा रही है. ऐसी स्थितियों में देश में अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स की भारी मांग उत्पन्न होती दिखाई दे रही है, जिससे अकाउंटिंग सेक्टर में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे.
ई-लर्निंग प्लेटफार्म टैक्स फॉर वेल्थ के सीईओ हिमांशु कुमार के अनुसार, अकाउंटिंग सेक्टर में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने के लिए सबसे अनिवार्य शर्त अकाउंटिंग स्किल का विकास है. अकाउंटिंग स्किल कभी भी सैद्धांतिक पढ़ाई से विकसित नहीं हो पाती. इसके लिए समुचित ट्रेनिंग अनिवार्य आवश्यकता होती है. इसी आवश्यकता को महसूस करते हुए कई ई-लर्निंग प्लेटफार्म आगे आ रहे हैं, जिसमें एक टैक्स4वेल्थ भी शामिल है. इस ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म ने सौ फीसदी जॉब प्लेसमेंट के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल को विकसित किया है.
उन्होंने कहा कि अकाउंटिंग क्षेत्र में कैरियर को सुव्यवस्थित तरीके से ऊंचाई पर ले जाने में अकाउंटिंग स्किल ही काम आता है. अकाउंटिंग सेक्टर में जॉब पाने की बात हो या विषम परिस्थितियों में जॉब को सुरक्षित रखने की, आशा हो या जॉब में ग्रोथ की आकांक्षा हो, काम तो सिर्फ अकाउंटिंग स्किल ही आता है. डिग्री मायने रखती है लेकिन जब उसका संतुलन स्किल से हो जाता है तो फिर रोजगार हो या स्वरोजगार, अवसर खूब मिलते हैं.
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हिमांशु कुमार ने कहा कि अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स जितने कुशल होते हैं, उनकी वैल्यू उतनी ही बढ़ जाती है. एक्सपर्ट और कुशल अकाउंटेंट बनने के लिए स्किल आधारित ट्रेनिंग प्रोग्राम एक महत्वपूर्ण आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि जिस तरह टैक्स मैनेजमेंट पर सरकार ध्यान दे रही है, उस मामले में भविष्य में भारी संख्या में अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स की जरूरत पड़ेगी. इस अवसर का लाभ वही उठा पाएंगे, जो अकाउंटिंग स्किल में दक्ष होंगे.