कोरोना काल में ऑनलाइन क्लास ने ली ट्रेडिशनल टीचिंग की जगह, आइए जाने इससे जुड़ने के लिए किन चीजों की है ज्यादा जरूरत

कोरोना वायरस के कारण सारी दुनिया परेशान हैं. वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन ढूंढ रहे हैं. संक्रमण के कारण दुनिया भर में लॉकडाउन का पालन भी किया जा रहा है. इसके कारण सभी स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है. वैसे तो भारत के स्कूलों में मार्च में परीक्षाएं हो जाती हैं और अप्रैल में फिर ने नयी कक्षाएं शुरू हो जाती हैं. लेकिन स्कूल बंद होने के कारण इस बार बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2020 5:52 PM

कोरोना वायरस के कारण सारी दुनिया परेशान हैं. वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन ढूंढ रहे हैं. संक्रमण के कारण दुनिया भर में लॉकडाउन का पालन भी किया जा रहा है. इसके कारण सभी स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है. वैसे तो भारत के स्कूलों में मार्च में परीक्षाएं हो जाती हैं और अप्रैल में फिर ने नयी कक्षाएं शुरू हो जाती हैं. लेकिन स्कूल बंद होने के कारण इस बार बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाई है.

इस समस्या का खासकर प्राइवेट स्कूलों ने डिजिटल माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने का उपाय निकाला. जिसमें ऑनलाइन क्लासेस वाट्सएप ग्रुप बना कर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. ज्यादातर स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से ही पढ़ाई करवाई जा रही है. इंटरनेट और टेकनोलॉजी के इस युग में ऑनलाइस क्लास के माध्यम से छात्रों को काफी फायदा हो रहा है. आज प्रभात खबर के शौर्य पुंज आपको बताने जा रहे हैं कि ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई के दौरान किन किन चीजों का खास ख्याल रखना चाहिए, इसके अलावा इस दौरान आपको कुछ ऐसे संसाधनों से भी परिपूर्ण होना होगा, जिससे ऑनलाइन क्लास को करने में काफी सहूलियत हो सकती है.

1) इंटरनेट कनेक्शन:

ऑनलाइन क्लास करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आपके पास अच्छा इंटरनेट कनेक्शन का होना. फास्ट इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से बच्चे कक्षाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सकते हैं. स्लो इंटरनेट कनेक्शन से कनेक्शन टूटने से परेशानी आ सकती है.

2) मीटिंग रूम एप:

ऑनलाइन कक्षाओं के लिए इंटरनेट के बाद एक सबसे जरूरी चीज की जरूरत है वो है एक सही मीटिंग रूम एप. जूम मीटिंग रूम, गूगल मीट जैसे कई एप हैं जिनके माध्यम से स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं करवा रहे हैं. यूजर फ्रेंडली एप के होने से छात्र ऐसे मीटिंग एप से जुड़ रहे हैं.

3) स्मार्ट मोबाइल सेट:

ऑनलाइन क्लास में स्मार्ट फोन का होना जरूरी है. साधारण मोबाइल फोन से ऑनलाइन क्लास नहीं करवााया जा सकता है. स्मार्ट फोन आज के दिनों में ज्यादातर लोगों के पास रहता है, लेटेस्ट वर्जन के मोबाइल फोन होना भी जरूरी है, जिसके माध्यम से ऑनलाइन क्लास से बच्चे कनेक्ट कर सकते हैं. एंडरॉएड, आईओएस या फिर विंडोज फोन की मदद से ऑनलाइन क्लास में भाग लिया जा सकता है.

4) लैपटॉप:

मोबाइल फोन के अलावा ऑनलाइन क्लास के दौरान लैपटॉप का प्रयोग भी किया जाता है. कुछ बच्चे लैपटॉप का भी प्रयोग कर सकते हैं. देखा जाए मोबाइल के मुकाबले लैपटॉप से ऑनलाइन क्लास करने में ज्यादा सहूलियत रहती है.

5) हेडसेट:

ऑनलाइन क्लास के दौरान हेडसेट का भी प्रयोग किया जा सकता है. इस दौरान छात्र वायरलेस हेड सेट का भी प्रयोग कर सकते हैं.

हमने कुछ अभिभावकों से भी ऑनलाइन क्लास के बारे में जानना चाहा. उन्होंने बताया कि किस तरह से ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से उनके बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. ऐसे में बच्चे नई तकनीक से भी रू-ब-रू होने का मौका मिल रहा है.

नए एप को जानने का मौका मिला ऋतुराज: ऋतुराज

रांची स्थित कांके रोड़ में रहती हैं. उनका बेटा अस्तित्व शारदा ग्लोबल की में चौथी कक्षा में पढ़ता है. स्कूल द्वारा जूम एप से ऑनलाइन माध्यम की पढाई करवाया जा रहा है, ऋतु बताती हैं कि ऑनलाइन कक्षाएं करवाना एक बेहतर कदम है. इन दिनों कोरोना के कारण जिंदगी रूक सी गई है, पर बच्चे अपनी पढ़ाई में लगे रहे क्योंकि वैक्सीन के आने के बाद लोग पहले जैसे जीवन यापन शुरू कर देंगे. ऋतु कहती हैं कि वो पहले वाट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक ही सीमित थीं, पर अब उनको अपने बेटे के कारण जूम एप से भी जुड़ने का मौका मिला है.

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ऑनलाइन कक्षाओं के द्वारा पेरेंट्स टीचर मीट होना फायदेमंद है: रूपा

फिडबैक देने का अच्छा माध्यम है ऑनलाइन क्लासेस- रूपा का बेटा रांची के कैंब्रियन स्कूल में दूसरी कक्षा में पढाता है. स्कूल जून एप के जरिए छात्रों को पढाई करवा रही है. रूपा कहती है कि समय समय पर ञनलाइन माध्यम से ही पेरेंट्स टीचर मीट का आयोजन होता है, जो काफी अच्छी पहल है. पहले स्कूल जाकर पेरेंट्स टीचर मीट में भाग लेने में थोड़ी परेशानी हो जाती थी, पर अब ऐसा नहीं होता.

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नया अनुभव मिल रहा है ऑनलाइन क्लास के द्वारा: सीमा

सीमा की बेटी डीएवी हेहल की छठी कक्षा में पढ़ती हैं. स्कूल द्वारा रोज ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन होता है. सीमा बताती हैं कि उनकी बेटी सम़द्धी के लिए वो ऑनलाइन क्लास का इंतजाम करती हैं. वो कहती हैं कि उनके जमाने में ऐसा कुछ नहीं था, पर उनकी बेटी के साथ साथ उनके लिए भी ऑनलाइन कक्षा एक नया अनुभव है.

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ऑनलाइन क्लास को काफी इंजॉय कर रही है अद्विका: नीतू सिंह

नीतू की बेटी अद्विका लॉरेटो कॉनवेंट की दूसरी कक्षा में पढ़ती है. कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन माध्यम से बच्चों के लिए कक्षाएं ली जा रही है. नीतू बताती हैं कि उनकी बेटी पहले मोबाइल के द्वारा गेम्स खेलती थी, पर अब ऑनलाइन क्लास होने से उस भी काफी इंजॉय करती है. बच्चे टेक्नोलॉजी को जल्दी से अपना लेते हैं, और उसके बारे में सीख जाते हैं, जैसा अद्विका ने किया.

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ऑनलाइन माध्यम से कक्षा करने के साथ साथ, परीक्षा देने का भी मौका मिला है बेटे को: महिमा रानी

महिमा रानी का बेटा कांतम डीएवी का छात्र है, उनके विद्यालाय में भी ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है. महिमा बताती हैं कि कांतम के विद्यालय में कक्षाओं के अलावा ऑनलाइन मोड के जरिए परीक्षाओं का भी आयोजन किया गया है. गूगल फाइल्स के जरिए प्रश्न पत्र दिया गया. छात्रों के लिए ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करना एवं परीक्षा देना नया अनुभव लेकर आ रहा है. महिमा कहती हैं कि तकनीक का बेहतर उपयेग कोरोना के दौर में देखने को मिल रहा है.

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