रांची : भारतीय सेना का एक गौरवपूर्ण इतिहास है, जिसमें देश की सीमाओं की दुश्मनों से रक्षा से लेकर सैनिकों की वीरता, साहस, शौर्य एवं बलिदान के अनगिनत जीवंत किस्से शामिल हैं. इस इतिहास से दुनिया को परिचित कराने और सेना की शक्ति के बारे में बताने के लिए हर साल 15 जनवरी को इंडियन आर्मी डे मनाया जाता है. आप में अगर देश सेवा का जज्बा है और आप सेना में भविष्य बनाना चाहते हैं, तो आर्मी डे से ठीक पहले जानें इसमें जाने के कौन-कौन से हैं रास्ते…
जनवरी की 15 तारीख को देश भर में सेना दिवस मनाया जाता है. वर्ष 1949 को इस दिन फील्ड मार्शल के एम करियप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे. उस समय इंडियन आर्मी में तकरीबन दो लाख सैनिक थे और आज लगभग 14 लाख सक्रिय सैनिक हैं. ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स-2021 में भारत की सेना को दुनिया की चौथी सबसे मजबूत सेना बताया गया है. एक सैनिक सेवा में रहते और सेवानिवृत्ति के बाद भी देश के सबसे सम्मानजनक नागरिकों में शुमार होता है. यही वजह है कि हर साल बड़ी संख्या में युवा सेना में नौकरी पाने का प्रयास करते हैं.
भारतीय सेना पुरुष एवं महिला दोनों को करियर बनाने का अवसर देती है. आठवीं पास से लेकर ग्रेजुएट अभ्यर्थी तक थल सेना में जा सकते हैं. इंडियन आर्मी शॉर्ट सर्विस कमीशन एवं परमानेंट कमीशन दोनों के तहत युवाओं को बतौर ऑफिसर जॉब का मौका देती है. आप एक सिपाही के तौर पर भी सेना ज्वाइन कर सकते हैं.
आप अगर बतौर अधिकारी सेना ज्वाइन करते हैं, तो आपकी शुरुआत लेफ्टिनेंट से होगी. इसके बाद अनुभव व योग्यता के आधार पर क्रमश: कैप्टन, मेजर, लेफ्टिनेंट कर्नल, कर्नल, ब्रिगेडियर, मेजर जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल के तौर पर तरक्की हासिल कर सकते हैं. कुछ चुनिंदा लोग इस क्रम के सबसे शीर्ष पद जनरल तक भी पहुंचते हैं.
आप अगर सिपाही के तौर पर भारतीय सेना से जुड़ते हैं, तो आपके पास आगे नायक, हवलदार, नायब सूबेदार और इसके बाद सूबेदार के तौर पर तरक्की पाने का अवसर होगा. इस क्रम में शीर्ष पद सूबेदार मेजर है.
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) वर्ष में दो बार नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) एवं नेवल एकेडमी (एनए) एग्जामिनेशन आयोजित करता है. बारहवीं पास अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) भारतीय सशस्त्र सेना की एक संयुक्त सेवा अकादमी है, जिसमें सेना के तीनों अंगों, थलसेना, नौसेना और वायु सेना के कैडेट को एक साथ प्रशिक्षित किया जाता है. इसके बाद कैडेट को सेना के तीनों अंगों में उनके पदों पर भेजा जाता है.
कंबाइंड डिफेंस सर्विस एग्जामिनेशन (सीडीएसइ) का आयोजन भी यूपीएससी वर्ष में दो बार करती है. ग्रेजुएशन कर चुके या फाइनल ईयर कर रहे अभ्यर्थी यह परीक्षा दे सकते हैं. सफल अभ्यर्थी इंडियन मिलिट्री एकेडमी/ एयरफोर्स एकेडमी एवं नेवल एकेडमी को परमानेंट कमीशन के तहत और ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओडीए) को शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत ज्वाइन करते हैं.
इस स्कीम के तहत इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट अभ्यर्थी सेना में जा सकते हैं. एसएसबी एवं मेडिकल बोर्ड के बाद चयनित अभ्यर्थियों को कमीशन से पहले चेन्नई स्थित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में 49 सप्ताह के प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है.
इंडियन आर्मी में समय-समय पर सोल्जर ट्रेड्समैन की भर्ती होती है, जिसके लिए दसवीं/ आइटीआइ एवं आठवीं (कुछ ट्रेडों के लिए) पास अभ्यर्थी, जिनकी आयु 17½ से 23 वर्ष के बीच हो, आवेदन के पात्र होते हैं. सोल्जर जनरल ड्यूटी के लिए भी 45 प्रतिशत अंकों के साथ दसवीं पास, जिसमें प्रत्येक विषय में 33 प्रतिशत अंक होने चाहिए, अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं.
सोल्जर क्लर्क/ स्टोर कीपर के लिए 17½ से 23 वर्ष आयु वर्ग के न्यूनतम 60 फीसदी अंकों में मैथ्स एवं इंग्लिश विषयों के साथ 12वीं पास (प्रत्येक विषय में 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए) अभ्यर्थी अप्लाइ कर सकते हैं. वहीं सोल्जर टेक के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स के साथ कम से कम 50 प्रतिशत (प्रत्येक विषय में 40 प्रतिशत) अंकों के साथ बारहवीं पास होना चाहिए.
सोल्जर नर्सिंग असिस्टेंट/ टेक (आरवीसी) के लिए इतने ही प्रतिशत अंकों में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी के साथ बारहवीं पास होना जरूरी है. इन भर्तियों में चयनित अभ्यर्थी सेना में सिपाही के तौर पर नियुक्ति पाते हैं. इनके अलावा भी सेना में जाने के कई रास्ते हैं, जिनकी जानकारी आप इंडियन आर्मी की वेबसाइट https://joinindianarmy.nic.in से हासिल कर सकते हैं.
Posted By : Sameer Oraon