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ISRO online workshop : इसरो करायेगा क्लाइमेट चेंज पर आधारित एक दिवसीय ऑनलाइन वर्कशॉप 

इसरो ने हिमालयी क्रायोस्फेरिक खतरों पर एक दिवसीय निःशुल्क ऑनलाइन वर्कशॉप के आयोजन की घोषणा की है, जो अंतिम वर्ष के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए है. इस कोर्स में हिस्सा लेनेवाले प्रतिभागियों को 70 फीसदी अटेंडेंस पूरा करने पर प्रमाण पत्र दिया जायेगा. 

ISRO online workshop : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) हिमालयी क्रायोस्फेरिक खतरों पर निःशुल्क, एक दिवसीय ऑनलाइन वर्कशॉप आयोजित करने जा रहा है, जिसका उद्देश्य प्रतिभागियों को जलवायु परिवर्तन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों और हिमालयी ग्लेशियरों पर इसके प्रभाव के बारे में शिक्षित करना है. स्नातक एवं स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष के छात्र इस वर्कशॉप में शामिल हो सकते हैं. प्रतिभागियों को कोर्स की आवश्यकताओं को पूरा करने पर एक प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा.  

वर्कशॉप में छात्र सीखेंगे

वर्कशॉप में हिमालयी क्रायोस्फीयर के महत्व के बारे में बताया जायेगा एवं इस बात पर प्रकाश डाला जायेगा कि जलवायु परिवर्तन किस प्रकार ग्लेशियरों, बर्फ आवरण और नदी घाटियों को प्रभावित कर रहा है. विषयों में ग्लेशियर खतरे, ग्लेशियर गतिशीलता, ग्लेशियल झील गतिशीलता, पर्माफ्रॉस्ट पिघलना, भू-आकृति गतिशीलता, बर्फ आवरण गतिशीलता और मलबे का प्रवाह शामिल होंगे. इसके साथ ही प्रतिभागियों को नयी हिमनद झीलों के निर्माण के बारे में जानकारी मिलेगी, जो हिमनद झील विस्फोट बाढ़ (जीएलओएफ) जैसे खतरे पैदा करती हैं, एवं पर्माफ्रॉस्ट पिघलने की उभरती समस्या के बारे में भी जानकारी मिलेगी.  

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वर्कशॉप की संरचना और सामग्री

यह वर्कशॉप 6 सितंबर, 2024 को इसरो के ई-क्लास प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित किया जायेगा और इसमें चार प्रमुख सत्र शामिल होंगे- 

  • भूवैज्ञानिक खतरों का अवलोकन (सुबह 11:00 से 11:30 बजे तक)
  • जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में क्रायोस्फीयर के तत्व और गतिशीलता (11:35 से 12:20 बजे तक)
  • हिमालय में ऊंचे पर्वतीय खतरे, मलबे के प्रवाह पर ध्यान केंद्रित करना (14:15 से 15:00 बजे तक)
  • क्रायोस्फेरिक खतरों के लिए सुदूर संवेदन अनुप्रयोग (15:05 से 15:50 बजे तक)

इसरों की ओर से आयोजित यह कार्यक्रम निःशुल्क है और इसके लिए अच्छे इंटरनेट कनेक्टिविटी के अलावा किसी विशेष हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर की आवश्यकता नहीं है. छात्र डेस्कटॉप, लैपटॉप या कैमरा, माइक्रोफोन और स्पीकर वाले अन्य उपयुक्त उपकरणों का उपयोग करके इसमें शामिल हो सकते हैं. 

पंजीकरण कैसे करें और प्रमाण पत्र कैसे प्राप्त करें

छात्र व्यक्तिगत रूप से या अपने संबंधित नोडल केंद्रों के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं. प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए प्रतिभागियों को प्रत्येक सत्र में कम से कम 70 फीसदी उपस्थिति दर्ज करानी होगी, जो इसरो लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) के माध्यम से डाउनलोड के लिए उपलब्ध होगा. पाठ्यक्रम और प्रासंगिक लिंक के बारे में पूरी जानकारी के लिए देखें – 

https://www.iirs.gov.in/iirs/sites/default/files/pdf/2024/1040-workshop_cryosphere_Sept6_24.pdf

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