JEE Main 2022: दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस परीक्षार्थी की याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से अपना रुख बताने को कहा है, जिसने इंजीनियरिंग के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा जेईई (मेन) में पर्याप्त अंक हासिल करने के बावजूद जेईई (एडवांस) की परीक्षा के लिए उसे गलत तरीके से ‘‘अपात्र” घोषित किए जाने का आरोप लगाया है.
फर्जी है याचिकाकर्ता द्वारा पेश किया गया अंकपत्र- एनटीए: याचिकाकर्ता ने कहा कि एनटीए पोर्टल से डॉउनलोड किए गए अंकपत्र के अनुसार, उसे मेन्स परीक्षा के पहले सत्र में 98.79 और दूसरे सत्र में 99.23 पर्सेंटाइल अंक मिले, लेकिन एडवांस परीक्षा के लिए आवदेन करते समय उसे पता चला कि कि प्राधिकारियों के अनुसार उसका पर्सेंटाइल 20.767 और 14.64 प्रतिशत है. एनटीए ने अदालत से कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा पेश किया गया अंकपत्र फर्जी है, इसकी कोई विश्वसनीयता नहीं है और इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता.
छात्र को मिली एडवांस परीक्षा के लिए आवेदन करने की अनुमति: न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने याचिकाकर्ता को एडवांस परीक्षा के लिए आवेदन करने की फिलहाल अनुमति दे दी, लेकिन स्पष्ट किया कि प्रासंगिक दस्तावेजों को देखने के बाद ही उसे 28 अगस्त को होने वाली परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी.
अदालत ने एनटीए को दिया यह आदेश: अदालत ने 11 अगस्त के अपने आदेश में एनटीए को इस मामले में एक लघु हलफनामा दाखिल करने और याचिकाकर्ता की उत्तर पुस्तिका समेत सभी प्रासंगिक दस्तावेज उसके सामने पेश करने का निर्देश दिया. अदालत ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तिथि तय की. अदालत ने याचिका पर केंद्र को भी नोटिस जारी किया और उसे अपना जवाब दाखिल करने की अनुमति दी.
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