JEE Main 2022: जेईई एडवांस 2022 का रिजल्ट 11 सितंबर को आधिकारिक वेबसाइट jeeadv.ac.in पर जारी कर दिया गया. जिसके बाद अब स्टूडेंट्स और अभिभावकों में सबसे बड़ी उलझन है कि वो किस कॉलेज और ब्रांच को चुने. ये समय सबसे अहम माना जाता है. ऐसे में टॉपर्स के लिए ज्यादा परेशानी वाली बात नहीं है क्योंकि उन्हें आसानी से नंबर वन कॉलेज मिल जाते हैं,लेकिन जिनका रैंक कम है या 10 हजार से भी नीचे है उनके लिए परेशानी वाली बात है कि वो किस कॉलेज में एडिमिशन लें.
स्टूडेंट्स का फर्स्ट च्वाइस आइआइटी बॉम्बे का सीएस ब्रांच रहता है़, जो टॉप-60 पर क्लॉज हो जाता है. इसके बाद दूसरी प्राथमिकता आइआइटी दिल्ली का सीएस ब्रांच है. तीसरी प्राथमिकता में कानपुर और मद्रास का कंप्यूटर साइंस ब्रांच शामिल है. एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे स्टूडेंट्स जिनका ऑल इंडिया रैंक 100 तक है, उन्हें टॉप आइआइटी, बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में कंप्यूटर साइंस मिलने की संभावना है.
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पिछले कुछ वर्षों के कटऑफ मार्क्स का आधार पर इस बार कई जेईई मेंस कॉलेज (JEE Main College) प्रिडिक्टर साइट्स द्वारा जो अनुमान जारी किया जा रहे हैं, उसके अनुसार एनआईटी जमशेदपुर में कंप्यूटर साइंस में दाखिले (computer science admissions) के लिए जनरल कैटेगरी (General Category) का कटऑफ सात हजार रैंक तक होगा, पिछले साल यह 7686 था. यह कटऑफ ऑल इंडिया कैंडिडेट (All India Candidate) के लिए है. जमशेदपुर के कैंडिडेट के लिए यह कटऑफ नौ हजार रैंक के आसपास रहेगा. इसी तरह छात्राओं के लिए जनरल कैटेगरी (General Category) का कटऑफ ऑल इंडिया कैंडिडेट के लिए 13 हजार होगा तो जमशेदपुर की छात्राओं के लिए 18 हजार रैंक कटऑफ माना गया है.
कंप्यूटर साइंस (Computer Science) में ही कटऑफ को एनआईटी जमशएदपुर (NIT Jamshedpur) में टफ रखा जाता है. इसके अलावा बाकी के अन्य छह ट्रेड में कटऑफ 52 हजार रैंक तक जाता है. इसका मतलब प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में छात्राओं के लिए जनरल कैटेगरी में कटऑफ 52 हजार तक को माना गया है. इस बार भी यह 53 हजार तक जाने की उम्मीद है. हालांकि, एनआईटी प्रबंधन (NIT Management) की ओर से फिलहाल कटऑफ को लेकर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है. इसके लिए जोसा की ओर से काउंसिलिंग के लिए अधिकृत शिड्यूल पर देख सकतें हैं इसके लिए इस लिंक पर क्लिक करें- https://josaa.nic.in/
ऐसे में 10 हजार से नीचे रैंक वाले छात्र के लिए चुनौती वाली बात है कि वो कैसे कॉलेज को चुने या उनके लिए क्या विकल्प है-
4000-8000 के बीच रैंक लानेवालों को रुड़की, गुवाहाटी, खड़गपुर, हैदराबाद, वाराणसी में सिविल, केमिकल, मेटलर्जी और बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में लोअर ब्रांचेंज मिलने की संभावना है. वहीं पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू में सीएस ब्रांच मिल सकता है.
8000 से 12000 रैंक प्राप्त करनेवाले को रोपड़, मंडी, इंदौर, गांधीनगर, जोधपुर, भुवनेश्वर, पटना, धनबाद में कोर ब्रांच के अतिरिक्त अन्य ब्रांचों के साथ पुरानी सात आइआइटी में बॉयलोजिकल साइंस, नेवल आर्किटेक्चर, माइनिंग इंजीनियरिंग, पॉलीमर साइंस, सिरेमिक इंजीनियरिंग जैसे ब्रांच मिलने की संभावना है.
12-15 हजार के बीच रैंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को नये आइआइटी पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू के अन्य ब्रांच मिलने की संभावना रहती है. ब्रांच मिलने की संभावनाएं कैटेगरी अनुसार परिवर्तित होती है.
साथ ही छात्राओं को दिये गये 20 प्रतिशत फी-मेल पूल कोटे से उपरोक्त आइआइटी में ब्रांच मिलने की संभावनाएं काफी पीछे के रैंक तक बन जाती है. एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि ऐसे विद्यार्थी जिनका जेइइ एडवांस रैंक काफी पीछे है, उनके लिए आइआइपीइ विशाखापट्टनम, राजीव गांधी पेट्रोलियम, आइआइएसइआर, आइआइएसटी में आवेदन का विकल्प है. इन सभी संस्थानों की आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.