संजीव सिंह, रांची : टीसीएस के इंडिया बिजनेस डिलिवरी हेड बालकृष्ण वर्णवाल ने कहा है कि कोरोना में देश ही नहीं, विदेशों में भी रोजगार प्रभावित हुआ है. इसके बावजूद आइटी सेक्टर में जॉब (रोजगार) के द्वार खुलते गये. आज की तिथि में आइटी सेक्टर में जॉब भरे पड़े हैं. जरूरत है युवाओं को कौशलयुक्त बनने की. युवाओं को कम्यूनिकेशन स्किल बढ़ाना होगा. अब कोई भी कंपनी आपको रखने के बाद ट्रेनिंग देने या कौशल सिखाने के लिए समय बर्बाद नहीं करेगी. ऐसे में युवा समय रहते खुद को कौशलयुक्त बनायें. मांग के अनुरूप अपने को तैयार रखें. श्री वर्णवाल ने बुधवार को रांची प्रवास के दौरान प्रभात खबर से बातचीत में उक्त बातें कही.
श्री वर्णवाल ने कहा कि टीसीएस ने अगले एक साल के भीतर 50 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए अभियान शुरू किया जा रहा है. कोरना काल में सबसे अधिक प्रभावित हॉस्पिटेलिटी सेक्टर (ट्रेवल एजेंट, एयरलाइंस आदि सहित थियेटर सेक्टर, मॉल आदि क्षेत्र) हुआ है. लाखों लोग बेरोजगार हो गये हैं. कोरोना ने लोगों को अपग्रेड होने का भी मौका दिया है. आज लगभग हर कंपनी या कार्यालय ने वर्क फ्रॉम होम का कल्चर डेवलप किया है, जो निरंतर अब जारी रहने की उम्मीद है.
ऑनलाइन कक्षाएं चल रहीं हैं. हालांकि इसमें और सुधार होंगे. बैंक सेक्टर भी ऑनलाइन को बढ़ावा दे रहे हैं. यानी हर क्षेत्र में डिजिटल प्लेटफॉर्म बनते जा रहे हैं. डिजिटल टेक्नोलॉजी में इजाफा हो रहा है. ऐसे में हम कह सकते हैं कि आइटी सेक्टर बूम कर रहा है. डिजिटल कार्य के लिए हर सेक्टर में आइटी ट्रेंड लोगों की डिमांड बढ़ रही है. यह सिर्फ इस समय के लिए ही नहीं, बल्कि अब भविष्य में भी देश व विश्व के हर सेक्टर में ज्यादातर कार्य डिजिटल प्लेटफॉर्म से ही होंगे. टीसीएस ने एक साल में 50 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है
जॉब खोजने से बेहतर है कि युवा जॉब क्रिएटर बनें : श्री वर्णवाल ने कहा कि जॉब खोजने से बेहतर है कि युवा जॉब क्रिएटर बनें. अपनी आइडियाज से इंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दें. स्वरोजगार, स्टार्टअप शुरू करें. इसमें खुद भी काम करें और अन्य युवाओं को भी रोजगार दे सकते हैं. सरकार भी इसमें मदद कर रही है.
नयी शिक्षा नीति के स्वरूप व इसके प्रभाव के बारे में श्री वर्णवाल ने कहा कि यह नीति इको सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए कारगर साबित होगी. इसमें भी आइटी की सहभागिता रहेगी. उन्होंने कहा कि झारखंड में भी हर क्षेत्र में जॉब है. जरूरत है इसे सही दिशा देने की. संस्थानों को विद्यार्थियों के लिए इनवेस्ट करना होगा. क्वालिटी में और सुधार लाना होगा. सिर्फ सामान्य शिक्षा देने से काम नहीं चलेगा. विद्यार्थियों को कौशल करने की दिशा में सोचना होगा. इंडस्ट्रियल इंटर्नशिप आदि को बढ़ावा देना होगा
Post by : Pritish Sahay