ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (जोसा) ने बुधवार को काउंसेलिंग प्रक्रिया का शेड्यूल जारी कर दिया. इस वर्ष भी छह चरण में जोसा काउंसेलिंग पूरी की जायेगी. आधिकारिक वेबसाइट josaa.nic.in से जेईई मेन और जेईई एडवांस में सफल होने वाले अभ्यर्थी 12 सितंबर से रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे.
जोसा काउंसेलिंग के जरिये विद्यार्थी देश भर के 23 आइआइटी, 32 एनआइटी, 26 ट्रिपल आइटी और 30 जीएफआइटी में दाखिला की संभावना तलाश कर सकेंगे. इसके अलावा इस वर्ष से आर्किटेक्चर एप्टीट्यूट टेस्ट (एएटी) में सफल होने वाले विद्यार्थी भी 17 सितंबर के बाद विभिन्न आर्किटेक्चर संस्थान के लिए च्वाइस फिलिंग कर सकेंगे.
18 सितंबर को पहली मॉक सीट और 20 सितंबर को द्वितीय मॉक सीट उपलब्ध करायी जायेगी. इसके बाद विद्यार्थी अपना च्वाइस लॉक कर सकेंगे. रजिस्ट्रेशन और च्वाइस फिलिंग की प्रक्रिया विद्यार्थियों को 21 सितंबर की शाम पांच बजे तक पूरी करनी होगी. जोसा काउंसेलिंग के तहत रजिस्ट्रेशन शुल्क के तौर पर जेनरल कैटेगरी के अभ्यर्थियों को 35000 रुपये के साथ 3000 रुपये जोसा प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में भुगतान करना होगा. वहीं, एससी-एसटी, ओबीसी, इडब्ल्यूएस, दिव्यांग व एनसीएल कैटेगरी के अभ्यर्थी को 15000 रुपये चुकाने होंगे.
एनआइटी, जीएफटीआइ और अन्य डिम्ड यूनिवर्सिटी में जोसा काउंसेलिंग के जरिये आवेदन करते समय विद्यार्थियों को विभिन्न दस्तावेज तैयार रखने होंगे. आवेदन के समय तीन पासपोर्ट फोटो, सीट आवंटन पत्र, विद्यार्थी स्वघोषणा पत्र, सीट स्वीकृति के लिए इंटरनेट बैंकिंग से शुल्क जमा करने का प्रमाण, जेइइ मेन स्कोर कार्ड, एडमिट कार्ड, 10वीं व 12वीं कक्षा का रिजल्ट, एसटी-एससी-ओबीसी-इडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र, दिव्यांग प्रमाण पत्र आदि लाने होंगे.
पहला चरण : 23 से 27 सितंबर
दूसरा चरण : 28 सितंबर से 02 अक्तूबर
तीसरा चरण : 03 से 07 अक्तूबर
चौथा चरण : 08 से 11 अक्तूबर
पांचवां चरण : 12 से 15 अक्तूबर
छठा चरण : 16 से 17 अक्तूबर
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जेइइ एडवांस में एआइआर 1000 से 3000 लाने वाले विद्यार्थी क्लोजिंग रैंक से न घबरायें. 50 से ज्यादा विकल्प पर मंथन करें.
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जेईई एडवांस में 5000 से 10000 रैंक हासिल करने वाले टॉप 10 आइआइटी में च्वाइस ब्रांच भरें.
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जेईई मेन में बेहतर रैंक है, तो एनआइटी और बिट्स पिलानी में च्वाइस ब्रांच तलाश सकते हैं.
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इंजीनियरिंग कॉलेज का चयन करते वक्त उसकी रैंकिंग, प्लेसमेंट और कॉलेज कल्चर पर ध्यान दें.
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एनआइआरएफ रैंकिंग को चयन का मापदंड न बनायें.
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प्रत्येक राउंड के बाद क्लोजिंग रैंक के पैटर्न और इसके अंतर को बारीकी से समझें.
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च्वाइस फिलिंग में लास्ट और फर्स्ट राउंड का क्लोजिंग रैंक देखें.