JPSC की छठी Merit List हुई रद्द, 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति अवैध घोषित
JPSC 6th Merit List: झारखंड हाईकोर्ट ने छठे झारखंड लोक सेवा आयोग की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी है. हाईकोर्ट ने जेपीएससी के लिए 8 हफ्ते में नई मेरिट लिस्ट तैयार करने का भी आदेश दिया है. झारखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य सरकार को मेरिट सूची में गलती के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
झारखंड हाईकोर्ट ने छठे झारखंड लोक सेवा आयोग की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी है. हाईकोर्ट ने जेपीएससी के लिए 8 हफ्ते में नई मेरिट लिस्ट तैयार करने का भी आदेश दिया है. झारखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य सरकार को मेरिट सूची में गलती के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. छठी जेपीएससी भर्ती में 326 उम्मीदवारों की भर्ती की गई थी.
Jharkhand High Court cancels the merit list of the 6th Jharkhand Public Service Commission & orders to prepare a fresh merit list in 8 weeks. The court also directs the State govt to identify the officials responsible for the mistake in the merit list and take action against them
— ANI (@ANI) June 7, 2021
उम्मीदवारों ने दायर की थी याचिका
उम्मीदवारों को पता होना चाहिए कि झारखंड उच्च न्यायालय में 6 झारखंड लोक सेवा आयोग के अंतिम परिणाम को रद्द करने और इसे गलत मानने की मांग करने वाली कई याचिकाएं दायर की गई थीं. झारखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को जेपीएससी मामले में कड़ा रुख अपनाया और घोषणा की कि राज्य सरकार को परिणामों में गलती करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
इस मामले में अदालत ने सफल अभ्यर्थियों को भी प्रतिवादी बनाया था. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राहुल कुमार, दिलीप कुमार सिंह, प्रकाश राम, अभिषेक मणि सिन्हा ,चंदन, वेद प्रकाश यादव, नीशु कुमारी, मुकेश कुमार, कुमार अविनाश, संजय कुमार महतो, पंकज कुमार, रूबी सिन्हा, सुमित कुमार महतो, रविकांत प्रसाद गौतम कुमार ने याचिका दायर कर छठी जेपीएससी रिजल्ट को चुनौती दी थी. उन्होंने रिजल्ट को निरस्त कर दोबारा नये सिरे से रिजल्ट प्रकाशित करने की मांग की थी.
जानिए क्या है मामला
जेपीएससी ने पेपर वन (हिंदी व अंग्रेजी) के क्वालिफाइंग अंक को कुल प्राप्तांक में जोड़ दिया है। इससे वैसे अभ्यर्थी मेरिट सूची से बाहर हो गए है, जिन्हें अन्य पेपर में ज्यादा अंक मिले हैं. जबकि यह विज्ञापन की शर्तों का उल्लंघन है. विज्ञापन में पेपर वन में सिर्फ पास होने का अंक लाना था, जिसे प्राप्तांक में नहीं जोड़ा जाना था, लेकिन जेपीएससी ने इसे भी कुल प्राप्तांक में जोड़ कर परिणाम जारी किया है। इसलिए अंतिम परिणाम को रद्द किया जाए.