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खेल की दुनिया में बनाएं अपना भविष्य, जानें इस दिशा में कैसे बढ़ सकते हैं आगे

हर साल अगस्त की 29 तारीख को हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस पर भारत में नेशनल स्पोर्ट्स डे मनाया जाता है. देश में हमेशा से खेलों के प्रति एक जुनून रहा है. आप अगर स्पोर्ट्स में करियर बनाने की ख्वाहिश रखते हैं, तो इन विकल्पों के साथ बढ़ सकते हैं आगे...

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2022 10:42 AM

खेल, जिसे पहले लोग एक शौक के रूप में देखते थे, आज युवाओं के बीच इसे करियर विकल्प के रूप में गंभीरता से लिया जा रहा है. हाल में हुए बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में मीराबाई चानू, अचिंता शुली, संकेत सरगर, जेरेमी लालरिनुंगा बिंदियारानी देवी, निकहत जरीन, पीवी सिंधु समेत अन्य भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन के साथ कुल 61 मेडल देश के नाम किये. आप भी अगर खेलों की दुनिया में अपनी पहचान बनाने का इरादा रखते हैं, तो जाने इस दिशा में कैसे बढ़ सकते हैं आगे…

अपनी स्ट्रेंथ का करें आकलन

खेल में करियर बनाने के लिए सबसे पहले आपको अपनी रुचि या ऐसा खेल जिसमें आप बेहतरीन प्रदर्शन दे सकते हैं, का चयन करना होगा. इसके बाद अपनी स्ट्रेंथ का आकलन करें. कोचिंग की सुविधा और खेल की वित्तीय जरूरतों के बारे में जानें. आर्थिक रूप से अपनी राह को आसान बनाने के लिए आप स्कॉलरशिप, सीएसआर फंड के बारे में जानकारी हासिल कर आवेदन कर सकते हैं. इसके बाद आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि अपने खेल में अभ्यास और अनुशासन को संजीदगी से अपनाएं, संतुलित आहार लें, खेल प्रतियोगिताओं में भाग लें, लक्ष्य तय करें और मेंटर्स से बात करें.

स्कूल से कर सकते हैं शुरुआत

आप खेल में हिस्सा लेने की शुरुआत स्कूल या कॉलेज में आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिताओं से कर सकते हैं. राज्य की खेल टीम में अपनी जगह बना सकते हैं. खेल में बेहतर प्रदर्शन करते हैं, तो एक खिलाड़ी के रूप में भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के विभिन्न संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त करने का मौका मिल सकता है. एसएआई के तहत विभिन्न संस्थान और अकादमियां हैं, जो युवा प्रतिभाओं को प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में बदलने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करती हैं. एसएआई के अलावा कई राज्य स्तरीय और निजी संगठन हैं, जो खिलाड़ियों को आगे बढ़ाते हैं. इसके बाद देश के लिए खेल सकते हैं. स्पोर्ट्स पर्सन के पास आगे चलकर ट्रेनर और कोच के तौर पर भी काम करने का मौका होता है. भारत में खेल के बारे में मुकम्मल व अहम जानकारी खेलो इंडिया वेबसाइट https://web.kheloindia.gov.in/hi से भी हासिल कर सकते हैं.

स्पोर्ट्स के प्रमुख संस्थान

  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स, पटियाला

  • नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, मणिपुर

  • लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन, ग्वालियर

  • लक्ष्मीबाई नेशनल कॉलेज फॉर फिजिकल एजुकेशन, तिरुवअनंतपुरम

  • इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, नयी दिल्ली, टाटा फुटबॉल एकेडमी, जमशेदपुर

और भी हैं राहें

खेेलों की दुनिया में आप बतौर खिलाड़ी ही नहीं, कई तरह से करियर बना सकते हैं.

स्पोर्ट्स मैनेजमेंट: आजकल हर खेल और खेल प्राधिकरणों में स्पो‌र्ट्स मैनेजमेंट के एक्सपर्ट्स की जरूरत होती है. किसी भी संकाय के युवा स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं, लेकिन फिजिकल एजुकेशन (पीई) में ग्रेजुएशन करनेवालों को प्राथमिकता दी जाती है. आप किसी खास स्पोर्ट्स में बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन (बीपीइडी) भी कर सकते हैं.

स्पोर्ट्स साइकोलॉजी कंसल्टेंट: खिलाड़ियों को मानसिक तौर पर स्वस्थ रखने में स्पोर्ट्स साइकोलॉजी कंसल्टेंट उनकी मदद करते हैं. बीए या साइकोलॉजी में बीएससी करने के बाद आप मास्टर या डॉक्टोरल लेवल पर ही यह कोर्स कर सकते हैं. इस प्रोफेशन में आने के लिए आपको एसोसिएशन फॉर अप्लाइड स्पोर्ट्स साइकोलॉजी में रजिस्ट्रेशन भी करना होगा.

स्पोर्ट्स मेडिसिन: खिलाड़ियों को खेल और प्रैक्टिस के दौरान अक्सर चोट लग जाती है. ऐसे में खिलाड़ियों का उपचार स्पोर्ट्स मेडिसिन के तहत किया जाता है. एमबीबीएस डिग्री के बाद आप इस फील्ड में करियर बना सकते हैं. अगर आप स्पोर्ट्स मेडिसिन फील्ड में डिप्लोमा कोर्स करना चाहते हैं, तो आपको ऑल इंडिया स्पोर्ट्स मेडिसिन पोस्ट ग्रेजुएट एंट्रेंस टेस्ट पास करना होगा.

स्पोर्ट्स जर्नलिज्म: आप अगर खेलों के बारे में लिखना पसंद करते हैं, तो स्पोर्ट्स जर्नलिज्म में करियर की संभावनाएं तलाश सकते हैं. आप किसी संस्थान से जर्नलिज्म या मास कम्यूनिकेशन में डिग्री हासिल कर स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट बन सकते हैं.

स्पोर्ट्स मार्केटिंग: जब से खेल मनोरंजन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना है, स्पोर्ट्स मार्केटिंग एक व्यापक करियर क्षेत्र बन गया है. स्पोर्ट्स कंपनियों के लिए विज्ञापन जुटाना, टिकटों की बिक्री का जिम्मा स्पोर्ट्स मार्केटिंग मैनेजर का होता है.

इसके अलावा स्पोर्ट्स टीचर, कोच, स्पोर्ट्स लॉयर एवं फिटनेस एक्सपर्ट एक्सपर्ट के रूप में भी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में करियर बनाने के मौके हैं.

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