कंप्यूटर एप्लीकेशन (MCA) के मास्टर्स की अवधि तीन साल से घटाकर दो साल कर दी गई है. दिसंबर 2019 में आयोजित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की 545 वीं बैठक में निर्णय लिया गया. अब तक इस डिग्री पाठ्यक्रम की अवधि तीन साल की थी. 2020-21 के शैक्षणिक सत्र से, एमसीए को दो साल तक पढ़ाया जाएगा. परिषद ने सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को पाठ्यक्रम की अवधि में आवश्यक संशोधन करने के लिए भी कहा है.
परिषद ने एक आधिकारिक आदेश में कहा, ‘‘अब 2020-21 से एमसीए पाठ्यक्रम की अवधि दो साल होगी. इसके मद्देनजर, एमसीए कार्यक्रम की अवधि में आवश्यक संशोधन यूजीसी के निर्णय और एपीएच (अनुमोदन प्रक्रिया पुस्तिका) में निहित प्रावधानों के अनुरूप किये जा सकते है.” गौरतलब है कि पिछले वर्ष दिसम्बर में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एमसीए पाठ्यक्रम की अवधि को घटाकर दो साल करने संबंधी एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक आधिकारिक सूचना के साथ यह जानकारी साझा की है.
Important Announcement @ #AICTEdge:
Change in the duration of #MCA Program from 3 years to 2 years w.e.f. 2020-21 has been approved.
Details: https://t.co/HokQ2EJ8ZN@HRDMinistry @DrRPNishank @SanjayDhotreMP @PIBHRD @mygovindia @ugc_india #AICTE pic.twitter.com/t3VvJn29EI
— AICTE (@AICTE_INDIA) July 7, 2020
एमसीए कार्यक्रमों के लिए पात्रता मानदंड
एमसीए कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम की अवधि को फिर से परिभाषित करने के अलावा, एआईसीटीई ने देश भर में संचालित तकनीकी संस्थानों द्वारा एमसीए कार्यक्रमों के लिए संशोधित पात्रता मानदंड भी जारी किए हैं. वर्तमान दिशा-निर्देशों के अनुसार, उम्मीदवारों को बीसीए पास करने या कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री पास करने की आवश्यकता है या बीएसईबी / बी.कॉम / बी। 10 + 2 स्तर पर गणित के साथ; एमसीए कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पात्र होने के लिए.
उम्मीदवार संबंधित विश्वविद्यालय के मानदंडों के अनुसार आवश्यक अतिरिक्त पुल पाठ्यक्रम लेकर एमसीए कार्यक्रम में शामिल होने का विकल्प चुन सकते हैं. पहले से परिभाषित सभी पाठ्यक्रमों या मानदंडों के लिए, उम्मीदवारों को योग्यता परीक्षा में न्यूनतम 55% अंक प्राप्त करने की आवश्यकता होती है.
इधर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने संशोधित दिशानिर्देश (UGC Revised Guidelines) जारी कर दिए हैं. विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं सितंबर के अंत तक आयोजित होंगी. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार को इस बारे में घोषणा की. कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर जुलाई के लिए निर्धारित कार्यक्रम को टाल दिया गया है.
सभी विश्वविद्यालयों के लिए अकादमिक कैलेंडर जारी करते हुए आयोग ने स्पेशल एग्जाम की अनुमति भी दी है. किसी भी कारण से अगर किसी छात्र की सितंबर में होने वाली परीक्षा छूट जाती है, इसके लिए अलग से प्रावधान करते हुए यूजीसी ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को विशेष परीक्षा लेने के निर्देश दिए हैं. यह परीक्षा 2019-2020 शैक्षणिक वर्ष में कभी भी ली जा सकती है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक, सिंतबर में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं दे पाने में असमर्थ छात्रों को एक और मौका मिलेगा और विश्वविद्यालय ”जब उचित होगा तब” विशेष परीक्षाएं आयोजित करेंगे. मंत्रालय का यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से हरी झंडी दिए जाने के बाद आया है जिसमें उसने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत परीक्षाएं आयोजित करने की मंजूरी दी थी.