मिलिए स्मिता सभरवाल से, मात्र 23 साल की उम्र में CMO में हुई बला की खूबसूरत IAS अधिकारी की पोस्टिंग

IAS Success Story|Smita Sabharwal|यूं तो लाखों युवा आईएएस बनने का सपना देखते हैं, लेकिन बहुत कम होते हैं, जिन्हें सफलता मिलती है. स्मिता सभरवाल (Smita Sabharwal IAS Officer) ऐसी ही किस्मत वाली एक महिला हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2022 10:02 PM
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IAS Success Story|Smita Sabharwal| भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अधिकारी बनना बेहद कठिन है. इसके लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास करनी पड़ती है. इसे देश की सबसे कठिन परीक्षा में एक माना जाता है. इस परीक्षा में सफलता के बाद आपको लोगों की सेवा करने का मौका मिलता है. आम लोगों तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाकर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर मिलता है.

बला की खूबसूरत हैं स्मिता सभरवाल

यूं तो लाखों युवा आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखते हैं, लेकिन बहुत कम लोग होते हैं, जिन्हें सफलता मिलती है. स्मिता सभरवाल (Smita Sabharwal IAS Officer) ऐसी ही किस्मत वाली महिला हैं, जिन्होंने यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास की और आईएएस अधिकारी बनीं. बला की खूबसूरत स्मिता सभरवाल वर्तमान में तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय (Telangana CMO) में पदस्थापित हैं. स्मिता सीएमओ में पोस्टिंग पाने वाली सबसे कम उम्र की आईएएस अधिकारी हैं. मात्र 23 वर्ष की उम्र में उन्होंने इस उपलब्धि को हासिल कर लिया है.

पीपुल्स ऑफिसर बन गयीं स्मिता सभरवाल

वर्ष 2000 में उन्होंने UPSC परीक्षा पास की. ऑल इंडिया रैंकिंग में वह चौथे स्थान पर रही थी. तेलंगाना में कई जगह उनकी पोस्टिंग हुई. उन्होंने अपने काम के दम पर सबका दिल जीत लिया. इसलिए उन्हें ‘पीपुल्स ऑफिसर’ कहा जाता है. तेलंगाना के वारंगल में सेवा करते समय स्मिता सभरवाल ने अपने क्षेत्र में पुल, अस्पताल, सड़क आदि की योजनाओं को पूरा करने के लिए ‘फंड योर सिटी’ योजना पेश की थी.

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हर दिन 200-300 अनुरोध पर विचार करती हैं स्मिता

इन दिनों स्मिता सभरवाल तेलंगाना (Telangana) के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekhar Rao) की विशेष सचिव हैं. उनके पति भी सरकारी सेवा में हैं. हालांकि, वह पुलिस सेवा में हैं. स्मिता के पति अकुन सभरवाल IPS अधिकारी हैं. स्मिता सभरवाल हर दिन 200-300 लोगों के अनुरोधों पर विचार करती हैं. उन्होंने महिलाओं के उत्थान के लिए काफी काम किया है. ग्रामीण पृष्ठभूमि के लोगों का जीवन स्तर सुधारने के लिए कई जागरूकता अभियान चलाये हैं.

स्मिता सभरवाल की कहानी

मूल रूप से दार्जीलिंग (Darjeeling) की रहने वाली स्मिता सभरवाल के पिता सेना के एक अधिकारी की बेटी हैं. उनके पिता सेना में कर्नल थे. कर्नल प्रणब दास (Col Pranab Das) बाद में हैदराबाद (Hyderabad) में बस गये थे. 19 जून 1977 को जन्मी स्मिता ने कभी सोचा भी नहीं था कि वह आईएएस ऑफिसर (IAS Officer Smita Sabharwal) बनेंगी. बस वह पढ़ना और सीखना चाहती थी. उनके दो बच्चे हैं. नानक और भुविश.

मिला प्राइम मिनिस्टर एक्सलेंस अवार्ड

स्मिता सभरवाल ने करीमनगर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए ‘अम्माललाना’ प्रोजेक्‍ट (Ammallana) की शुरुआत की. इस परियोजना की सफलता के लिए उन्हें ‘प्राइम मिनिस्टर एक्सलेंस अवार्ड’ (Prime Minister Excellence Award) के लिए चुना गया. स्मिता जब करीमनगर की डीएम थीं, उस वक्त करीमनगर को बेस्ट टाउन का अवॉर्ड (Karimnagar Best Town Award) दिलवाया. वर्ष 2001 बैच की वह पहली IAS अफसर हैं, जिसे सीएमओ में नियुक्ति मिली है.

ऐसा रहा है एकेडमिक करियर

स्मिता ने कॉमर्स से स्नातक की परीक्षा पास करने के बाद महज 23 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और आईएएस अधिकारी बन गयीं. पहली नियुक्ति चित्तूर जिले (Chittoor) में हुई. वह सब-कलेक्टर बनीं. इसके बाद आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) के कई जिलों में एक दशक तक काम किया. अप्रैल, 2011 में स्मिता सभरवाल को करीमनगर (Karimnagar) जिले का डीएम बनाया गया.

स्नातक के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी

हैदराबाद के मार्रेडपल्ली स्थित सेंट एनंस से स्मिता की स्कूली शिक्षा हुई. आईसीएसई की 12वीं बोर्ड की परीक्षा में उन्हें पूरे देश में टॉप (ICSE 12th Board Topper) किया था. उन्होंने सेंट फ्रांसिस डिग्री कॉलेज (St Francis Degree College) से कॉमर्स में स्नातक की पढ़ाई के साथ-साथ यूपीएससी (UPSC) की तैयारी भी शुरू कर दी थी. हालांकि, पहले प्रयास में वह पहला राउंड भी पास नहीं कर पायीं. बावजूद इसके, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आईएएस अधिकारी (IAS Officer) बनकर दिखाया.

Posted By: Mithilesh Jha

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