Corona काल में प्रिंसिपल ने जुटाए 40 लाख रुपये, 200 छात्रों की भरी फीस

Mumbai School Principal Raises Rs 40 Lakh to Pay Fees of 200 Children : कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हर क्षेत्र की व्यवस्था चरमराई दिखाई दे रही है. खास कर शिक्षा जगत में बुरा हाल है, परीक्षा स्थगित हो रहे हैं. कंपिटेटिव परीक्षा और अन्य परीक्षाएं कि तिथि के इंतजार में छात्र हैं. इन दिनों जब दुनिया भर के छात्रों को स्कूलों के बंद होने और नौकरी छूटने के कारण शिक्षा से हाथ धोना पड़ रहा है. महाराष्ट्र के एक प्रिंसिपल ने 200 बच्चों की शिक्षा के लिए फंड जुटाने में कामयाबी हासिल की है.उन्होंने छात्रों की फीस के लिए 40 लाख रुपये जुटाने में कामयाबी हासिल की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2021 9:39 PM

कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हर क्षेत्र की व्यवस्था चरमराई दिखाई दे रही है. खास कर शिक्षा जगत में बुरा हाल है, परीक्षा स्थगित हो रहे हैं. कंपिटेटिव परीक्षा और अन्य परीक्षाएं कि तिथि के इंतजार में छात्र हैं. इन दिनों जब दुनिया भर के छात्रों को स्कूलों के बंद होने और नौकरी छूटने के कारण शिक्षा से हाथ धोना पड़ रहा है. महाराष्ट्र के एक प्रिंसिपल ने 200 बच्चों की शिक्षा के लिए फंड जुटाने में कामयाबी हासिल की है.उन्होंने छात्रों की फीस के लिए 40 लाख रुपये जुटाने में कामयाबी हासिल की है. महाराष्ट्र के पवई में एक राज्य बोर्ड स्कूल की प्रिंसिपल शर्ली पिल्लई ने निजी व्यक्तियों और कॉर्पोरेट घरानों से 40 लाख रुपये जुटाने में कामयाबी हासिल की है. इस रकम से करीब 200 छात्रों की स्कूल फीस भर दी गई.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पवई इंग्लिश हाई स्कूल की प्रिंसिपल शर्ली पिल्लई ने मार्च 2020 में कोविड लॉकडाउन लागू होने के तुरंत बाद क्राउडफंडिंग की पहल की थी. चार साल से स्कूल का नेतृत्व कर रहीं शर्ली ने कहा, “अपने 35 साल के अध्यापन में पहली बार, मैंने अपनी मेज पर रिपोर्ट कार्ड का ढेर देखा था और माता-पिता उन्हें लेने के लिए स्कूल आने को तैयार नहीं थे.”

शर्ली पिल्लई ने बताया उन्होंने 35 वर्ष के करियर में बच्चों के पेरेंट्स के ऐसे बुरे हाल नहीं देखें हैं. बहुत से बच्चों के पेरेंट्स की नौकरियां चली गई. ऐसे वक्त में वो उनकी फीस भरने में असमर्थ हैं. पहले तो उन्होंने अपने स्कूल में बच्चों की सालाना फीस में से 25 प्रतिशत तक माफ की. लेकिन फिर भी कुछ परिवार ऐसे थे जो ये फीस भी भर नहीं पा रहे थे.

Posted By: Shaurya Punj

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