National Mathematics Day: इंजीनियरिंग के तरह ही कई राहें खोलती है मैथमेटिक्स, ऐसे बनाये अपना करियर

दिसंबर की 22 तारीख को भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती पर राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है. आपकी अगर गणित में गहरी रुचि है, तो इस विषय के साथ आप एक बेहतरीन भविष्य में दाखिल हो सकते हैं. जानें मैथमेटिक्स में मौजूद करियर राहों के बारे में...

By Prabhat Khabar News Desk | December 22, 2022 11:50 AM

भारत ने दुनिया को रामानुजन समेत कई महान गणितज्ञ दिये. देश के पहले गणितज्ञ के तौर पर आर्यभट्ट की ख्याति है. इनके बाद श्रीनिवास रामानुजन, शंकुतला देवी, सीआर राव, सीएस शेषाद्रि जैसे गणितज्ञों ने दुनिया भर में देश को प्रसिद्धि दिलायी. दुनिया एक सीपी की तरह है और गणित हमें अनंत संभावनाओं का पता लगाने में मदद करता है. मैथमेटिक्स एक ऐसा विषय है, जिसका टेक्नोलॉजी से लेकर मेडिसन तक अधिकांश क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाता है.

मैथमेटिक्स एवं स्टेटिस्टिक्स जैसे विषयों में विशेषज्ञता रखनेवाले अभ्यर्थियों के पास देश में नौकरी की बेहतरीन संभावनाएं हैं. आपकी अगर गणित में रुचि है, तो इंजीनियरिंग से इतर भी इस विषय के साथ एक संभावनाओं भरे करियर में दाखिल हो सकते हैं.

आगे बढ़ने की राहें हैं कई

मैथमेटिक्स के जानकारों की स्टेटिस्टिक्स, इंजीनियरिंग, फिजिकल साइंस, कंप्यूटर साइंस, इंश्योरेंस, इकोनॉमिक्स, एस्ट्रोनॉमी, बैंकिंग एवं अकाउंटेंसी के क्षेत्र में मांग है. मैथमेटिक्स में ग्रेजुएशन/पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद करियर संभावनाओं की एक विस्तृत शृंखला मौजूद है. आप मैथमेटिक्स को इकोनॉमिक्स, स्टेटिस्टिक्स, कंप्यूटर साइंस, अप्लाइड मैथमेटिक्स, इंजीनियरिंग और मैथमेटिकल साइंस जैसे विशेष विषयों के साथ जोड़ कर आगे बढ़ते हैं, तो आप अपनी नौकरी की संभावनाओं में विस्तार कर सकते हैं. मैथमेटिक्स में रुचि रखनेवालों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने के मौके हैं, जिनमें कुछ बेहतरीन विकल्प हैं-

मैथमेटिशियन

सही क्रिटिकल थिंकिंग स्किल, लॉजिकल एबिलिटी एवं रीजनिंग क्षमता रखनेवाले व्यक्ति बतौर मैथमेटिशियन (Mathematician) करियर बना सकते हैं. छोटे सेल फोन से लेकर उपग्रह तक, सब कुछ सूक्ष्म गणनाओं और एल्गोरिदम पर निर्भर करता है, जिसमें गणितज्ञ अहम भूमिका निभाते हैं. स्पेस रिसर्च हो या डिफेंस रिसर्च या फिर एरोनॉटिकल रिसर्च, इनके विभागों में मैथमेटिशियन की जरूरत होती है. गणित में गहरी दिलचस्पी रखनेवालों के लिए खुद को मैथमेटिशियन के तौर पर तैयार करना बेहतरीन विकल्प है. मैथ्स में बीएससी, एमएससी, उसके बाद पीएचडी कर इस करियर में आगे बढ़ सकते हैं.

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स्टेटिस्टिशियन

स्टेटिस्टिक्स मैथमेटिक्स, स्टेटिस्टिकल रीजनिंग, डेटा के विश्लेषण, डेटा के मूल्यांकन और अनुसंधान विधियों की अवधारणाओं पर केंद्रित विषय है. स्टेटिस्टिक्स में डिग्री हासिल करने के बाद आप डेटा साइंटिस्ट, स्टेटिस्टिशियन, इंडियन स्टेटिस्टिकल ऑफिसर, फाइनेंशियल एनालिस्ट, बिजनेस एनालिस्ट आदि बन सकते हैं. तीन वर्षीय बैचलर ऑफ स्टेटिस्टिक्स (ऑनर्स), स्टेटिस्टिकल मेथड एंड एनालिटिक्स, अप्लाइड स्टेटिस्टिक्स में एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा, दो वर्षीय मास्टर ऑफ स्टेटिस्टिक्स एवं आगे इस विषय में पीएचडी आपको स्टेटिस्टिशियन बना सकती है.

फाइनेंशियल प्लानर

आंकड़ों की अच्छी समझ रखते हैं, तो कॉमर्स या फाइनेंस में ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद फाइनेंस से जुड़े कार्य क्षेत्रों में एक सफल करियर बना सकते हैं. फाइनेंस की डिग्री आपके लिए किसी भी इंडस्ट्री में प्रवेश का रास्ता खोल सकती है. नियमित तौर पर बड़े पैमाने पर वित्तीय लेन-देन करने वाली कंपनियों को एक अच्छे फाइनेंशियल प्लानर की जरूरत होती है. फाइनेंशियल प्लानर विभिन्न फाइनेंशियल एवं इकोनॉमिक मार्केट ट्रेंड से अच्छी तरह वाकिफ होने, उसका गहराई से विश्लेषण करने के साथ ही कंपनी का मुनाफा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं.

डेटा साइंटिस्ट

डेटा का विश्लेषण करने वाले डेटा साइंटिस्ट (Data Scientist) कहलाते है, जिसमें डेटा के प्रभाव का विश्लेषण और गणना की जाती है. सरकारी से लेकर गैर सरकारी क्षेत्र एवं कंपनियां डेटा साइंटिस्ट की सेवाएं लेते हैं. मैथ्स में बैचलर डिग्री हासिल करने के बाद आप डेटा साइंटिस्ट बनने की दिशा में भी आगे बढ़ सकते हैं. देश के कई संस्थान डेटा साइंस में मास्टर कोर्स संचालित करते हैं. आगे इस विषय में पीएचडी भी कर सकते हैं.

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एकेडमिक्स

मैथमेटिक्स में उच्च शिक्षा हासिल करनेवालों के लिए शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने की व्यापक संभावनाएं हैं. एक गणित शिक्षक योग्यता, अनुभव, विशेषज्ञता के आधार पर स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में काम कर सकता है. मैथमेटिक्स में ग्रेजुएशन या मास्टर्स करने के बाद बीएड कर स्कूल टीचिंग में जा सकते हैं. गणित विषय में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद पीएचडी कर अनुसंधान एवं कॉलेज व विश्वविद्यालयों में अध्यापन कर सकते हैं.

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